औरतों को शनि देव की पूजा करनी चाहिए या नहीं

सूर्य पुत्र शनि देव सौरमंडल के नौ ग्रहों में से एक हैं। ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय का देवता कहा गया है। हर व्यक्ति के जीवन में किए गए कार्य और उसके परिणाम में शनिदेव का न्याय होता है। यदि आपके कर्म अच्छे हैं तो उसका परिणाम अच्छा और बुरे कर्मों का परिणाम बुरा, यह शनिदेव निश्चित करते हैं।

शनिदेव को प्रसन्न करके व्यक्ति जीवन के कष्टों को कम कर सकता है।  सभी व्यक्तियों को अपने-अपने कार्य-क्षेत्र और धन संबंधी सफलताएं भी शनिदेव की कृपा से ही मिलती है। यदि शनिदेव की मंदिर में पूजा सही तरीका समझ कर की जाए तो उसका अच्छा फल भी तुरंत ही मिलता है।

क्या औरतों को शनि देव की पूजा करनी चाहिए या नहीं

अक्सर ही शनिदेव के मंदिरों में तांत्रिक गतिविधियां होती है, इसलिए इन जगहों पर महिलाओं का जाना ठीक नहीं रहता है। एक कारण यह भी है कि प्राचीन काल से ही शनिदेव के मंदिर में रात को ही पूजा-अर्चना करना अच्छा माना जाता रहा है, अतः पहले लोग अक्सर रात के वक्त शनि मंदिर जाया करते थे जो कि महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं कहा जा सकता है।

पहले के समय से ही शनिदेव के मंदिर अक्सर सुनसान में ऊंचे स्थानों पर बनाए जाते थे और ऐसे स्थानों पर जंगली जानवरों का भी हमेशा डर बना रहता था। ऐसा माना जाता है कि हिंसक जंगली जानवर पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों को जल्दी ढूंढ लेते हैं, अतः उस काल में महिलाओं को शनि मंदिर जाने के लिए मना किया जाता था। यह नियम सिर्फ उनकी सुरक्षा की दृष्टि से ही बनाया गया था।

औरतों को शनि देव की पूजा करनी चाहिए या नहीं

शनिदेव की पूजा कब करनी चाहिए

शनिदेव भगवान की पूजा अंधेरे में करना ज़्यादा फलदाई होता है, इसलिए आप शाम के समय ही शनिदेव की पूजा करें या उनके मंत्रों की आराधना करें। उसके बाद पीपल के पेड़ के पास जा कर पहले उसकी जड़ में जल डालकर प्रणाम करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

इसके बाद किसी गरीब व्यक्ति को एक समय का भोजन करा दें। शनि देव को कमज़ोर लोगों का देवता माना जाता है, इसलिए गरीब और कमज़ोर लोगों को खाने-पीने की चीजें बाटे। यह ध्यान रखें की जो भी भोजन आप उन्हें कराएं वह शुद्ध और सात्विक हो।

आप स्वयं भी तामसिक भोजन (जैसे मांस, मछली, अंडे, इत्यादि और विशुद्ध तरीक से देखें तो प्याज़, लहसुन भी इसमें शामिल हैं) बिल्कुल भी ग्रहण ना करें, साथ ही अपने विचार भी तामसिक ना रखें और सबका भला करने की भावना अपने अंदर रखें।

घर पर शनिदेव की पूजा कैसे करें?

शनिदेव न्याय के देवता माने जाते हैं। जीवन में जो भी हम काम करते हैं, उसके अच्छे या बुरे परिणाम हमें शनिदेव से मिलते हैं। किसी व्यक्ति की नौकरी या बिज़नेस से कमाई कैसी होगी, यह भी शनिदेव तय करते हैं। व्यक्ति के जीवन में रोग किस प्रकार के होंगे या फिर उसके जीवन में कितनी उथल-पुथल होगी, यह सब शनिदेव निश्चित करते हैं।

शनिदेव को प्रसन्न कर के व्यक्ति अपने जीवन की मुश्किलों को कम कर सकता है, परंतु बदल नहीं सकता क्योंकि वो हमेशा न्याय करते ही हैं। शनिदेव की पूजा यदि सावधानी से और सही तरीके से की जाए तो वह तुरंत ही फलदाई होती है। यदि आप प्रेम और भक्ति भाव से शनिदेव की पूजा करते हैं तो शनिदेव उससे अवश्य ही प्रसन्न होंगे।

शनिदेव भगवान की पूजा करने में आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना है। आइए जानते हैं कौन सी हैं वो ध्यान रखने योग्य बातें-

  • शनिदेव भगवान की पूजा आप उनकी मूर्ति के सामने कभी ना करें। शास्त्रों के अनुसार, शनि देव की नज़र जिस भी चीज पर पड़ती है, उसका नाश हो जाता है तो यदि कोई व्यक्ति उनकी दृष्टि के सामने आता है तो उसको नुकसान ही होगा। शनिदेव की उसी मंदिर में पूजा आराधना करनी चाहिए जहां वह शिला यानि पत्थर के रूप में स्थापित किए गए हों।
  • यदि आपको शनिदेव की शिला वाली कोई मूर्ति ना मिले पाए तो प्रतीक के रूप में आप पीपल के पेड़ की पूजा कर सकते हैं या फिर शमी के पेड़ की पूजा कर सकते हैं। शनिदेव के सामने दीपक जलाना अच्छा माना जाता है, इसलिए आप हर दिन शाम को या समय की कमी हो तो शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपके जीवन में शनिदेव भगवान की कृपा आपको कई गुना बढ़ कर मिलेगी।
  • आप ऐसा भी कर सकते हैं कि सरसों के तेल का दान आप किसी निर्धन कमज़ोर व्यक्ति को कर सकते हैं।
  • शनिवार के दिन सबसे पहले आप श्री गणेश भगवान की पूजा से शुरुआत करने के बाद भगवान शिव या भगवान विष्णु की उपासना करें क्योंकि शास्त्रों के अनुसार, शिव जी शनि देव के गुरु माने जाते हैं और उन्हीं की कृपा से शनि भगवान को न्याय करने की क्षमता प्राप्त हुई है। यह भी माना जाता है कि शनि देव हमेशा श्रीहरी भगवान विष्णु या उनके अवतार रूप श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन रहते हैं।
  • शाम के समय शनि देव के बीज मंत्र ओम शं शनिश्चराय नमः का जाप करें और ध्यान रखें कि ऐसा करते वक्त आप का चेहरा पश्चिम दिशा की ओर हो।
  • जो लोग शनिदेव की पूजा करना चाहते हैं उन्हें अपना आचरण और व्यवहार अच्छा रखना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति अपने मन में दूसरों के प्रति बुरी भावना रखता है या दूसरे लोगों के साथ बुरा व्यवहार करता है तो उसको शनिदेव की कृपा नहीं मिलती।

शनि देव को क्या क्या चढ़ाना चाहिए?

शनिदेव भगवान की पूजा में उनकी प्रिय वस्तुओं को चढाने के साथ-साथ उनके सामने दिया जलाया जाता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसी वस्तुओं के बारे में जो शनिदेव भगवान को अत्यंत प्रिय हैं और उनकी पूजा करते समय इन्हें अपने पास रखने या उनको अर्पित करने से वो बहुत ही प्रसन्न होते हैं।

लोहे का छल्ला: जिसकी कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति सही ना हो तो वह शनिवार को लोहे का छल्ला धारण करें। यह शनि की दशा से होने वाले दुष्प्रभावों को कम करता है।

सरसों का तेल: शनि भगवान को सरसों का तेल ही प्रिय है, इसलिए जिन लोगों को शनि की महादशा के कारण सफलता नहीं मिल पा रही है, उन्हें शनिवार के दिन लोहे के बर्तन में एक सिक्का डालकर सरसों के तेल का दान करना चाहिए या शनिदेव को अर्पित करना चाहिए।

काला कपड़ा: शनिदेव को काला रंग अति प्रिय है, इसलिए आप शनिदेव भगवान को शनिवार के दिन काला कपड़ा अर्पित करें जिससे वो आपसे बहुत प्रसन्न होंगे| इसके अलावा यदि आप किसी गरीब व्यक्ति को काले वस्त्र का दान करते हैं तो भी आपको शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

काली उड़द की दाल: यदि आप शनिवार के दिन काली उड़द की दाल शनि देव को अर्पित करते हैं या उसको किसी गरीब को दान करते हैं तो भी शनिदेव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। इस दिन आप काले तिल भी दान कर सकते हैं। इस तरह से दान करने पर आपकी धन संबंधी समस्याएं भी समाप्त हो जाती हैं।

लोहा: शनिदेव भगवान को लोहा अति प्रिय है, इसलिए शनिवार के दिन शनि की महादशा के प्रभाव को कम करने के लिए आप शाम के वक्त किसी गरीब व्यक्ति को लोहे के बर्तन दान कर दीजिए। ऐसा करने से आपको जीवन में शनि की महादशा से संबंधित कष्ट कम होते दिखने लगेंगे।

शनि देव की मूर्ति किस दिशा में रखनी चाहिए?

शनि देव की मूर्ति आप अपने घर में या घर के मंदिर में कभी ना रखें। पौराणिक काल से ही सभी शास्त्रों में और सनातन (हिन्दू) धर्म को जानने वाले सभी महापंडितों ने भी यही बताया है कि शनि देव की मूर्ति घर पर नहीं रखी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि शनि भगवान को ऐसा श्राप मिला था कि उनकी नज़र  जिस पर भी पड़ेगी वह नष्ट हो जाएगा।

इसलिए आप उनकी मूर्ति के सामने ना जाएं। शनिवार के दिन शनिदेव भगवान को मानसिक प्रणाम करें और उनके बीज मंत्र ॐ शं शनिश्चराय नमः का जाप करें। उस दिन आप पीपल या शमी के पेड़ की पूजा कर सकते हैं, जो उनका ही स्वरुप माने जाते हैं और उस दिन आप गरीबों को ऊपर बताई गयी चीज़ें दान कर सकते हैं।

शनिवार के व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं?

शनिवार का व्रत शनि भगवान को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। जीवन में जब भी शनि देवता अशुभ फल दे रहे हों या शनि की साढ़ेसाती चल रही हो या फिर शनि की महादशा हो तब शनि भगवान का व्रत किया जाता है। शनिवार का व्रत करने में कुछ चीजें हैं जिनको आप ना खाएं, तो आइए जानते हैं क्या हैं वह चीज़ें-

  • शनिवार के व्रत में आप नमक का सेवन ना करें तथा इस दिन नमक खरीदने से भी बचें। ऐसा माना जाता है कि इस दिन नमक खरीदने पर घर में गरीबी आ जाती है।
  • आप शनिवार के दिन लाल मिर्च का प्रयोग ना करें।
  • शनिवार के दिन आप कटे आम का अचार खाने से भी बचें।
  • शनिवार को तामसिक चीज़ें जैसे शराब, मांस, मछली, अंडे, इत्यादि खाने-पीने से बचें।

शनिवार को व्रत रखने से क्या फायदा होता है?

शनिदेव भगवान को प्रसन्न करने के लिए शनिवार को व्रत रखने की सलाह दी जाती है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि कमजोर है तो उन्हें शनिवार का व्रत रखना चाहिए। यदि घर में बेवजह लड़ाई-झगड़े हो रहे हैं, कर्जे बढ़ रहे हैं, खर्चे बढ़ते जा रहे हैं तो व्यक्ति को शनिवार का व्रत रखना चाहिए।

जिन व्यक्तियों को राहु या केतु से जुड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हो, उन्हें भी शनिवार का व्रत करना चाहिए। ऐसा करने से राहु और केतु की दृष्टि से सुरक्षा मिलती है और व्यक्ति को धन संपत्ति और सम्मान की भी प्राप्ति होती है।

शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए क्या करें?

शनि देवता हम सबके जीवन में न्याय और कर्मों के फल निश्चित करते हैं। बिना शनि भगवान की कृपा के व्यक्ति अपने जीवन में रोजगार अच्छे से नहीं कर सकता। शनिदेव ही बताते हैं कि कोई भी व्यक्ति किस प्रकार पैसे कमाएगा। भगवान शनिदेव की आराधना से व्यक्ति को अध्यात्मिक ज्ञान भी मिलता है और उसके ऊपर भगवान की कृपा भी बनी रहती है।

यदि किसी व्यक्ति पर शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं या वो अपने कर्म सुधार लेता है तो जीवन में उसको बहुत अधिक सफलता प्राप्त होती है, परंतु यदि शनिदेव नाराज हो जाएं तो बने-बनाए काम खराब भी हो जाते हैं। आइए जानते हैं कि वह कौन से कर्म हैं जिनको करने से भगवान शनि की आप पर कृपा बनी रहेगी और आपके सारे बिगड़े हुए काम बन जायेंगे-

  • जब व्यक्ति सत्य बोलता है और अनुशासित रहता है तो शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं।
  • जब व्यक्ति अपने बड़े बुजुर्गों की सेवा करता है और उनकी सहायता करता है, तो शनिदेव की कृपा ज़रूर प्राप्त होती है।
  • जब व्यक्ति दुर्बल या गरीब व्यक्ति की सहायता करता है, तो उसे शनिदेव की कृपा अवश्य मिलती है।
  • जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक रहने वाले पेड़ लगाता है, विशेषकर पीपल या शमी का पेड़ या फिर कोई फलदार वृक्ष लगाता है तो भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
  • जब व्यक्ति भगवान शिव की या फिर भगवान विष्णु (कृष्ण) की भक्ति करता है तो उस पर शनिदेव की वक्र दृष्टि का असर कम हो जाता है।
  • अगर व्यक्ति जीवन में अपने प्रति, लोगों के प्रति या फिर समाज के प्रति ईमानदार है तो भी शनिदेव प्रसन्न रहते हैं।
  • जब कोई व्यक्ति बिना कारण झूठ बोलता है या छल कपट करता है या दूसरों को बेवकूफ बनाते हैं तो शनिदेव नाराज हो जाते हैं, इसलिए झूठ बोलने की आदत से बचें।
  • जब कोई व्यक्ति अपने जीवन में बड़े बुजुर्गों का अपमान करते हैं या माता-पिता की देखभाल नहीं करते तो शनिदेव कुपित हो जाते हैं, इसलिए बड़ों का हमेशा सम्मान करें।
  • अगर किसी की नाईट शिफ्ट जैसी नौकरी हो तो अलग बात है, अन्यथा जब कोई व्यक्ति लापरवाही या आलस में देर से सो कर उठता है तो निश्चित रूप से उसके जीवन में दरिद्रता आती है और शनि देव उस व्यक्ति से नाराज रहते हैं, इसलिए आलस ना करें।
  • जब कोई व्यक्ति हरे-भरे पेड़ों को बिना किसी जरूरत के काटता है तो शनिदेव उससे नाराज होते हैं, इसलिए हरे-भरे पेड़ों को ना काटें।
  • यदि कोई व्यक्ति गर्भपात करवाता है तो भी उसे शनि का दंड मिलता है क्योंकि भले ही बहुत थोड़े समय के लिए पर उस गर्भ में एक आत्मा आयी थी और वो उसका क़त्ल करने के बराबर बात है, इसलिए ऐसा मौका ना आने दें।
  • अगर आप जीवन में सफलता पाना चाहते हैं तो तुलसी के पौधे में और पीपल के वृक्ष में नियमित रूप से जल डालें।

देखा आपने, हमारे कर्म ही हमें शनि के अच्छे या बुरे प्रभाव देते है। इसीलिए अपनी कुंडली को दोष देने के बजाय सभी लोगों को अपने कर्मों पर भी ध्यान देना चाहिए।

शनि दोष हो तो उसको समाप्त करने के लिए क्या करें?

अगर आपके जीवन में शनि दोष के कारण बहुत ज्यादा परेशानी है तो लोहे का छल्ला पहनना काफी फायदेमंद रह सकता है। अगर यह छल्ला काले घोड़े की नाल का बना हो तो और भी अच्छा होता है, परंतु आप साधारण लोहे का छल्ला भी पहन सकते हैं।

ध्यान रखें कि ऐसा छल्ला बनवाते समय लोहे को आग में जलाया नहीं जाता क्योंकि ऐसा करने से लोहे का चुंबकीय तत्व खत्म हो जाता है। शनिवार के दिन इस छल्ले को सरसों के तेल में डुबो कर रखें और फिर उसे जल से धोकर दाहिने हाथ की बीच वाली उंगली में धारण कर लें, ऐसा करने से आपको शनि दोष की पीड़ा से राहत मिलेगी। इस तरह के छल्ले को पहनने से  शारीरिक पीड़ा या दुर्घटनाएं होने के योग भी खत्म हो जाते हैं।

शनि देवता को प्रसन्न करने के लिए सरसों के तेल का दान करना और सरसों के तेल का प्रयोग करना काफी अच्छा होता है। अगर शनि दोष की वजह से काम रुक रहे हैं या बहुत धीमे-धीमे चल रहे हैं और आपको कोई सफलता नहीं मिल पा रही है तो आप ये तरीका आज़मा कर देखें।

एक लोहे की कटोरी में सरसों का तेल डालें उसमें एक रूपए का सिक्का डालें और फिर इस तेल में अपना चेहरा देख कर उसको किसी निर्धन व्यक्ति को दान कर दें या फिर उसे किसी पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। इस तरह से दान करने को छाया दान कहते हैं और ऐसा करने से आपके जीवन में शनि की बाधा से जो भी मुश्किलें आ रही हैं, उनका निवारण होगा।

शनि दोष की पीड़ा से छुटकारा पाने के लिए आप शनिवार की शाम को प्रकाश दान भी कर सकते हैं यानी पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं, इसको प्रकाश दान कहते हैं। इसके कुछ अन्य उपाय भी हैं जैसे आप शनिवार के दिन शाम के समय सवा किलो काला तिल या काली उड़द की दाल किसी निर्धन व्यक्ति को कर दीजिए।

ऐसा आपको कम से कम पांच शनिवार तक ज़रूर करना चाहिए और यदि आप लगातार करते हैं तो आपकी आर्थिक समस्याएं कम हो जाएंगी। ध्यान रहे कि दान किए जाने वाले दिन आप स्वयं काली दाल या काला तिल ना खाएं। यदि आपको शनि दोष की वजह से लंबी बीमारियां हो रही हों तो आप शनिवार की शाम को काले कपड़े या काले जूते भी किसी गरीब व्यक्ति को दान कर सकते हैं। दान करने के बाद उस व्यक्ति से आशीर्वाद ज़रूर लें, ऐसा करने से आपका स्वास्थ्य धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा।

विशेष ध्यान रखें कि शनि देवता को प्रसन्न करने और शनि दोष को दूर करने के लिए ये सभी उपाय तभी लाभकारी सिद्ध होंगे जब आप तामसिक चीज़ें (मांस, मछली, अंडे, शराब, प्याज़, लहसुन, आदि) नहीं खाएंगे या पीएंगे। इसके साथ अपने मन के विचारों को भी शुद्ध और सात्विक रखें। ऐसा करने से शनि दोष के कारण जो भी समस्याएं आपके जीवन में है उन सब से आपको अवश्य ही राहत मिलेगी।