ज्योतिष के अनुसार ‘माघ मास’ को सर्वार्थ सिद्धि प्राप्ति का महीना क्यों कहा जाता है? इसका महत्व और उपाय

हिंदू पंचांग के अनुसार साल का 11वां महीना ‘माघ मास का महीना’ कहलाता है। माघ मास में ही सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं और उसी दिन से माघ का महीना आरंभ हो जाता है। यह महीना बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस महीने में कई सारे पवित्र त्यौहार आते हैं जैसे मौनी अमावस्या, कुंभ संकष्टी, कल्पवास, षटतिला एकादशी, माघ पूर्णिमा और मासिक शिवलिंग पूजा आदि आते हैं।

यह एक विशेष प्रकार की पूजा होती है जो व्यक्ति के समस्त कष्टो को हर लेती है। इस माह माघ मेले का आयोजन किया जाता है। मेले की शुरुआत के साथ शहर में नगर देवता की शोभायात्रा निकाली जाती है। यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है।

ऐसी मान्यता है कि शोभा यात्रा के साथ नगर देवता से मेले के लिए अनुमति ली जाती है इसीलिए माघमास को ‘पुण्यकालिक मास’ कहा जाता है। इस माह में किया गया दान पुण्य हजारों गुना फल प्रदान करता है। सदियों से माघ मास में सरोवर तीर्थ तट पर स्नान दान करने का महत्व है।

माघ माह में कल्पवास किया जाता है अर्थात एक माह तक गंगा तट पर कुटिया बनाकर साधना करने का भी विधान है। यह परंपरा आदिकाल से चली आ रही है। इस परंपरा के बारे में वेदों, पुराणों और महाभारत तथा रामायण में भी वर्णन मिलता है।

माघ मास से जुड़े उपाय 

पद्म पुराण के अनुसार माघ माह में प्रयागराज के तट पर त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश), सभी रुद्र (11 के 11 रुद्र), तथा 12 आदित्य कुमार गमन करते हैं और संगम के तट पर ही पूरे माघ माह वास करते हैं। संगम में स्नान को ‘नारायण की सिद्धि का स्नान’ बताया गया है।

माघ माह में प्रयागराज में 3 करोड़ 10 हज़ार तीर्थ का समागम होता है इसलिए उसे ‘संगम’ कहते हैं। जहां समागम हो वही संगम है।
छंद के अनुसार माघ मास का वर्णन –
ज्योति धाम सविता प्रबल, तुम्हरे तेज प्रताप |
छार छार है जल बहे, जन्म-जन्म के पाप ||
अर्थात इस मास में अपने घर पर, नदी के तट पर या कहीं भी पवित्र नदी में स्नान करके जन्म-जन्म के समस्त पाप को मिटाया जा सकता है।

माघ मास का महत्व

माघ मास को लेकर एक पौराणिक कथा है जिसके अनुसार माघ माह का महत्व समझा जा सकता है। माघ मास में गौतम ऋषि ने इंद्रदेव को श्राप दिया था। उस श्राप से मुक्ति के लिए जब इंद्रदेव ने उनसे क्षमा याचना की तो गौतम ऋषि ने माघ मास में गंगा स्नान करके प्रायश्चित करने को कहा, इसके बाद इंद्रदेव ने माघ मास में गंगा स्नान किया था जिससे वह मुक्त हो गए इसलिए माघ की पूर्णिमा और अमावस्या के दिन स्नान बहुत ही पवित्र माना जाता है।

माघ मास से जुड़े उपाय

  1. माघ माह में गंगा स्नान का बड़ा महत्व है, अगर आप गंगा नदी के घाट पर जाकर स्नान करते हैं तो कई गुना पुण्य प्राप्त होता है।
  2. माघ मास में प्रतिदिन गीता का पाठ करना चाहिए, ऐसा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है।
  3. माघ मास में प्रतिदिन तिल का सेवन करना चाहिए साथ ही जल में तिल मिलाकर स्नान भी करना चाहिए, ऐसा करने से व्यक्ति को बहुत पुण्य मिलता है।
  4. माघ मास में प्रतिदिन तुलसी की पूजा करनी चाहिए। सुबह – शाम तुलसी माता के आगे घी का दीपक जलाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा व्यक्ति की आर्थिक स्थिति भी बहुत मजबूत होती है।
  5. माघ मास में ‘विष्णु सहस्त्रनाम’ का पाठ करना भी बहुत शुभ फलदायक होता है, इससे बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है। इसके अलावा घी का दान करना भी बहुत ही सर्वोत्तम माना जाता है।
  6. सूर्य से संबंधित दान करना भी बहुत शुभ रहता है। काला तिल, घी, गुड़, गर्म वस्त्र (कंबल इत्यादि), गीता, गेहूं का भी दान कर सकते हैं। इससे सूर्य का अशुभ प्रभाव भी कम हो जाएगा और साथ ही साथ विवादों में जीत हासिल होगी, कोई भी कोर्ट कचहरी केस चल रहा हो तो उसमें जीत पक्की मानी जाती है।
  7. विष्णु धर्मसूत्र शास्त्र के अनुसार माघ महीने में सूर्योदय से पहले बहते जल में स्नान करना श्रेष्ठ कहा गया है।
  8. माघ महीने में भगवान विष्णु के मधुसूदन (श्री कृष्ण का एक नाम) स्वरूप के पूजन का शास्त्र आदेश देता है। मधुसूदन नाम क्यों है कृष्ण जी का, क्योंकि इन्होंने मधु नामक राक्षस का वध किया था (सूदन का अर्थ होता है वध करना), इसलिए भगवान श्री कृष्ण का नाम ‘मधुसूदन’ भी पड़ा। माघ महीने में भगवान मधुसूदन को मगज के लड्डू (सूजी और बेसन से भूनकर बनाया गया लड्डू) का भोग लगाकर ब्राह्मणों को दान देना चाहिए। इससे उनकी कृपा प्राप्त होती है।
  9. माघ माह में काले तिल से भगवान कृष्ण की पूजा करने से शनि के पूरे प्रभाव से भी छुटकारा मिलता है।
  10. माता सरस्वती की काले तिल से पूजा करने से राहु दोष से मुक्ति मिलती है।
  11. माघ मास में काले तिल से पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
  12. घर में अगर पैसा नहीं रुकता है तो घर के प्रत्येक सदस्य के सर से एक मुट्ठी काला तिल वार कर घर के उत्तर दिशा में फेंक दें ऐसा करने से घर में धन का संचय होने लगेगा |