नेटफ्लिक्स पर आयी इक्वलाइज़र 3, धमाकेदार एक्शन व थ्रिलर होने के बावजूद निराश करती है

OTT Platform: Netflix

फिल्म : इक्वलाइजर 3

कलाकार: डेंजेल वाशिंगटन, डकोटा फैनिंग, इयूजिनियो मास्ट्रान्ड्रिया, डेविड डेनमे, रेमो गिरोनी और गाया स्कोडेलारो

निर्देशक: एन्ट्वान फ्युकुवा

समय: 1 घंटा 49 मिनट

रेटिंग: 3.5

हाल ही में आयी इक्वलाइजर 3 फिल्म, इक्वलाइजर फिल्म सीरीज का तीसरा और अंतिम पार्ट (Equalizer 3 movie review in Hindi) है। अब लोगों की आकांक्षा और अपेक्षा किसी मूवी से तब बहुत बढ़ जाती है जब उसके पहले वाले पार्ट बहुत अच्छे होते हैं किन्तु कई बार यह देखने में आता है कि जितना बढ़िया पहला पार्ट होता है, उतने अच्छे उसके बाकि के पार्ट नहीं होते हैं। कुछ वैसा ही इस इक्वलाइजर 3 मूवी के साथ देखने को मिला है।

अब कहने को तो यह इक्वलाइजर 3 मूवी भी एक्शन व थ्रिल से भरी हुई थी लेकिन इसमें आपको मेलोडी ड्रामा भी खूब देखने को मिलेगा जो आपके गर्म होते खून को बीच बीच में ठंडा करने का काम कर देगा। ऐसे में कुछ लोगों को यह मूवी बेकार लगी तो कुछ इसे एक बार देखने का कहते हैं। ऐसे में आइये पहले इक्वलाइजर 3 की स्क्रिप्ट जान लेते हैं।

Equalizer 3 (इक्वलाइजर 3) की कहानी

इक्वलाइजर 3 की शुरुआत उसके मेन हीरो रॉबर्ट (डेंजेल वाशिंगटन) के एक्शन से होती है जिसमें वो सिसिली शहर में वाइनरी की चाबी और साइबर डकैती में लुटे गए खजाने को पाने के लिए गुंडों से लड़ाई करते हुए देखा जाता है।

अब कहने को तो रॉबर्ट बहुत ही शक्तिशाली है जो एक पल में ही दुश्मनों को खत्म करने की हिम्मत रखता है लेकिन हर बार उसकी दरियादिली ही उसकी पीठ में छुरा घोप देती है। तो कुछ ऐसा ही उसके साथ मूवी की शुरुआत में ही देखने को मिल गया।

रॉबर्ट वहां पर लोरेंजो विटाले और उसके सभी गुर्गों को मार डालता है लेकिन उसके किशोर पोते को बच्चा समझ कर छोड़ देता है। ऐसे में जब रॉबर्ट वापस जा रहा होता है तो वही बच्चा उसकी पीठ में गोली मार देता है। इसके बाद वह चोटिल हालत में एक नाव को लेकर शहर में जाता है लेकिन बीच में ही बेहोश हो जाता है।

फिर वहां पर एक शख्स जिओ बोनुची की एंट्री होती है जो रॉबर्ट को एक दूर तटीय गाँव में ले जाता है और उसका इलाज करता है। होश में आने के बाद रॉबर्ट गाँव के लोगों से घुल मिल जाता है और उनके साथ खुशी से रहने लगता है लेकिन असली मुसीबत तो अब शुरू होने वाली थी।

दरअसल जिस गाँव में वह होता है वहां एक ड्रग माफिया का आंतक होता है जिसे वहां सभी कैमोरा के नाम से जानते हैं। कैमोरा के गुंडे वहां के लोगों को अपनी जगह छोड़ कर कहीं और चले जाने के लिए धमकाते हैं ताकि वे अपना अड्डा वहां बना सकें। इस बीच बहुत ज्यादा हिंसा दिखायी जाती है जिसमें कैमोरा के गुंडे लोगों को मार रहे हैं, उनसे हफ्ता ले रहे हैं और यहाँ तक कि एक दुकान को वे बम से भी उड़ा देते हैं।

बोनुची जो रॉबर्ट को उस गाँव में लेकर आया था, वह यह सब नहीं झेल पाता है और पुलिस को बुला लेता है। जब कैमोरा के गुंडों को इसके बारे में पता चलता है तो वे बोनुची को बहुत बुरी तरह से पीटते हैं। मार्को जो कैमोरा का ही एक मेन गुंडा था, रॉबर्ट उससे अपने बिज़नेस को कहीं और शिफ्ट करने को कहता है लेकिन उसके ना मानने पर रॉबर्ट उसे उसके गुर्गों सहित मार डालता है।

इक्वलाइजर 3 मूवी का एक्शन व ड्रामा

यह मार्को कोई ऐसा वैसा गुंडा नहीं होता है बल्कि कैमोरा के सरदार विंसेंट का भाई होता है। अपने भाई की मौत को देखकर विंसेंट बुरी तरह पागल हो जाता है और उसे हर जगह ढूंढने लगता है। जब वो उसे नहीं मिलता है तो वह कॉलिंस जो शहर में रहती है और एक CIA अधिकारी है, उसकी कार में बम लगा देता है लेकिन रॉबर्ट के वॉर्न करने पर वह बच जाती है।

इस बीच विंसेंट भरे बाजार में बोनुची को पकड़ लेता है और रॉबर्ट के सामने नहीं आने पर उसे भरे बाजार में गोली मारने की धमकी देता है। यह देखकर रॉबर्ट बाहर आ जाता है और विंसेंट उसे मारने ही वाला होता है कि गाँव वाले उसे बचाने आ जाते हैं जिस कारण रॉबर्ट उस समय बच जाता है।

उसी रात रॉबर्ट विंसेंट के घर में घुस जाता है और एक एक करके उसके सभी गुंडों को मार डालता है। आखिर में वह विंसेंट के पास पहुँच जाता है और उसकी बनायी हुई ड्रग उसे ही खिलाकर उसे मार डालता है। दूसरी ओर, कॉलिंस को रॉबर्ट का लिखा हुआ एक लेटर मिलता है जिसमें वह बताता है कि उसकी माँ कोई और नहीं बल्कि रॉबर्ट की ही पुरानी दोस्त और सहकर्मी सुसान है। आखिर में रॉबर्ट को गाँव वालों के साथ फुटबॉल टीम की जीत की खुशी में शामिल होते हुए दिखाया गया है।

इक्वलाइजर 3 मूवी का एक्शन व ड्रामा

अब अगर हम इक्वलाइजर 3 के एक्शन की बात करें तो वह अच्छे खासे डाले गए हैं लेकिन दर्शकों को इतना उत्साहित नहीं कर पाते हैं। बहुत जगह आपको बिना किसी बात का ड्रामा देखने को मिलेगा जो आपको निराश करने का ही काम करेगा। शुरुआत में तो मूवी इस प्रकार सेट की गयी ताकि उसका मिडिल पार्ट सेट हो सके।

इसके बाद जब मूवी में माफिया और उनके गुंडों की एंट्री होती है तो बहुत ज्यादा हिंसा देखने को मिलती है। एक तरह से ऐसा गाँव जो उस माफिया के आंतक से बहुत बुरी तरह पीड़ित है और उन्हें बस किसी मसीहा का ही इंतज़ार था जो रॉबर्ट के रूप में उन्हें मिलता है। शुरुआत में तो रॉबर्ट उनसे आम व्यक्ति की तरह ही पेश आता है लेकिन जब उसे पता चलता है कि इससे बात नहीं बनेगी तो वह अपने पुराने वाले एक्शन पर उतर आता है।

इसके बाद शुरू होता है फुल एक्शन का दौर जो मूवी के एंड तक बना रहता है। एक एक करके रॉबर्ट सभी को मारता चला जाता है और आखिर में विलेन को भी मार डालता है। इस तरह से यह मूवी फुल एक्शन और ड्रामा के साथ भरी हुई है।