वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का रंग कैसा होना चाहिए

घर का रंग वास्तु शास्त्र के अनुसार

यह बात हम सभी जानते हैं कि हर रंग कुछ कहता है। हर रंग की अपनी ऊर्जा होती है और हर रंग की अपनी विशेषता होती है। वास्तु शास्त्र में भी रंगों का गहरा महत्व है। घर की सुख-समृद्धि, शांति, अच्छा करियर, सफलता और अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमें अपने घर की बाहरी और भीतरी दीवारों के लिए सही रंगों का चयन करना चाहिए।

हालांकि ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता होता है कि वास्तु शास्त्र के अनुसार किस दीवार को किस रंग से पेंट किया जाना चाहिए इसलिए आज हम आपको वास्तु विशेषज्ञों द्वारा दी गई सलाह के अनुसार बता रहे हैं कि किस रूम के लिए कौन-सा रंग उपयुक्त है और इससे आपको किस तरह के लाभ मिलेंगे।

आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि घर के हर हिस्से की अपनी ऊर्जा, आकार और दिशा होती है। उसी के अनुसार आपको अपने घर की दीवारों, कमरों, पर्दों और फ्लोरिंग का रंग चुनना चाहिए। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि जो भी रंग आप अपने घर के लिए चुन रहे हैं वह विशेष तरह का मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी डालते हैं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार उस रंग का हमारे आतंरिक भाव पर गहरा असर पड़ता है और ये रंग हमारे जीवन में संतुलन लाने की कोशिश करते हैं। इसलिए घर के लिए किसी भी रंग का सेलेक्शन करते समय सतर्क रहें, सजग रहें।

वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का रंग कैसा होना चाहिए

आईये जानते है कि घर की दीवारों से लेकर घर के विभिन्न कोने (रूम) का रंग जैसे – बेडरूम का रंग, किचन का रंग, लिविंग रूम, पूजा रूम, घर का गेस्ट रूम, बाथरूम, बाहर की दीवारों का रंग, पर्दों इत्यादि का रंग कैसा होना चाहिए |

वास्तुशास्त्र के अनुसार कैसा हो बेडरूम और मास्टर बेडरूम का रंग

बेडरूम वह जगह है जहां आप पूरे चैन-सुकून के साथ रहना, सोना चाहते हैं। इस जगह आप अपने पूरे दिन की थकान को भूल जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने बेडरूम में सिर्फ उन्हीं रंगों को महत्व दें, जो सकारात्मकता को बढ़ावा देते हैं।

इसके साथ ही नव- दम्पत्तियों को या दम्पत्तियों को अपने बेडरूम के रंग का चुनाव करते समय और भी सचेत रहना चाहिए क्योंकि अगर घर में जरा सी भी नकारात्मक ऊर्जा रंगों के माध्यम से प्रवेश कर जाए, तो इससे पति-पत्नी के बीच दरार पैदा हो सकती है। इसलिए वास्तु को ध्यान में रखते हुए सही रंगों का चुनाव जरूरी हो जाता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार नीला रंग शांत और स्थिरता का परिचायक है। इसलिए अगर किसी जोड़े की हाल-फिलहाल में शादी हुई है, तो उन्हें अपने बेडरूम में नीले रंग को जगह देनी चाहिए। इससे वातावरण में शांति बनी रहती है। इस वजह से मन में तनाव महसूस नहीं होता है और थकान भी दूर हो जाती है।

घर की दीवारों के अलावा आप अपने कमरे के दरवाजों को भी नीले रंग से पेंट करवा सकते हैं और कमरे का फर्नीचर भी नीले रंग का ले सकते हैं। इसके साथ ही सफेद रंग का कॉम्बीनेशन आपके घर की सुख-शांति को और बढ़ा सकता है।

अपने घर के मास्टर बेडरूम के लिए हल्का नीला, पेस्टल शेड्स अच्छा माना जाता है। ध्यान रखें कि बेडरूम में गाढ़े रंगों का उपयोग न करें। इससे दंपति के बीच उदासी और निराशा पैदा हो सकती है। घर का माहौल भी नकारात्मक हो सकता है।

वास्तु के मुताबिक बेडरूम के लिए हरा रंग भी काफी अच्छा विकल्प है। हरा रंग आंखों को आराम देता है, मन को राहत देता है और स्वास्थ्य को भी अच्छा रखता है। जो व्यक्ति लंबे समय से बीमार है, स्वास्थ्य संबंधी समस्या से जूझ रहे है, उन्हें अपने बेडरूम में हरे रंग का पेंट करवाना चाहिए।

अस्वस्थ व्यक्ति के अलावा वृद्ध व्यक्ति के लिए भी हरा रंग अच्छा है क्योंकि इस रंग की ऊर्जा व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। अगर बेडरूम के लिए आप इस रंग का चयन नहीं करना चाहते हैं, तो अपने बेडरूम में हरे रंग का कोई डेकोरेटिव आइटम या पौधा रख सकते हैं।

वास्तु के अनुसार बेडरूम के लिए पीला रंग भी काफी अच्छा माना जाता है। वैसे भी वास्तु के अनुसार पीला रंग मन की शांति, उत्साह और खुशहाली का प्रतीक है। अगर आपका बेडरूम छोटा है तो ये रंग आपके बेडरूम के लिए बहुत अच्छे है।

पीला रंग आपके बेडरूम में पॉजिटिव एनर्जी का संचार करता है, जिससे आपको बेडरूम में समय बिताना अच्छा लगने लगता है। आप चाहें तो अपने बेडरूम में पीला रंग का सिंपल पेंट करने के बजाय पीले रंग के फूलों का वॉलपेपर चुन सकते हैं। यह रंग जिंदगी में मिठास घोलने के लिए भी जाना जाता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार अन्य रंग जैसे गुलाबी रंग प्यार, खुशी और एकता का प्रतीक है। आपके बेडरूम में इस रंग की मौजूदगी बहुत कुछ कहती और समझाती है। विशेषकर अपने घर में इस रंग के माध्यम से आप घर को जीवंत कर सकते हैं। आप चाहें तो गुलाबी रंग के विकल्प के तौर पर रोज-गोल्ड का सेलेक्शन कर सकते हैं। आप घर में इस रंग के फूलदान या कोई अन्य डेकोरेटिव आइटम भी रख सकते हैं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार बैंगनी रंग या पर्पल कलर जिंदगी में संतुलन बढ़ाने में सहयोग करता है। इसलिए बेडरूम के लिए इस रंग को भी अच्छा माना जाता है। इससे लाइफ में बैलेंस आता है, जिनमें धैर्य नहीं है, उनके लिए तो यह रंग अच्छा विकल्प है।

जो लोग अपनी जिंदगी में नकारात्मकता को जरा भी बर्दाश्त नहीं करना चाहते, जो स्वतंत्र रहना पसंद करते हैं, उनके लिए सफेद रंग बहुत अच्छा है। वास्तु शास्त्र ही नहीं मनोवैज्ञानिकों का भी मानना है कि सफेद रंग शांति का प्रतीक है। इसलिए अशांति, क्लेश और कलह से दूर रहना है, तो अपने घर में सफेद रंग का पेंट करवा सकते हैं। यह रंग आपके जीवन में मासूमियत को भी बढ़ावा देता है।

ऊपर बताए गए रंगों के अलावा और भी कई रंग हैं जो बेडरूम के लिए अच्छे ऑप्शन साबित हो जाते हैं। इनमें स्लेटी रंग (ताजगी का प्रतीक), इंडिगो (आध्यात्मिक क्षमताओं में सुधार), नारंगी (आत्मसम्मान को बढ़ाना), को भी बेडरूम के लिए चुना जा सकता है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार कैसा हो रसोई घर का रंग

वास्तु शास्त्र के अनुसार नारंगी, सफेद, पीला और हरा रंग आपके किचन के लिए सबसे अच्छे रंगों में से हैं। इस रंग के मॉडुलर किचन, स्लैब आदि बनाना चाहिए। ये सभी रंग भूख को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार आजकल रसोई घरों में काले रंग के स्लैब का चयन बहुत हो रहा है लेकिन इस रंग का चयन भूलवश भी नही करना चाहिए, काला रंग रसोई के दीवारों के स्लैब के लिए सकारात्मक नहीं माने जाते है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार कैसा हो पूजा स्थल का रंग

पूजा स्थल के लिए सफेद रंग अत्यंत शुभ रंग माना जाता है। इस रंग का इस्तेमाल करने से घर में प्रगति बनी रहती है। इसके प्रयोग से घर में धन की बढ़ोतरी होती है। आर्थिक लाभ के लिए इस रंग को शुभ माना जाता है। सदियों से, पीले रंग को एक पवित्र स्थान का रंग माना जाता रहा है। पीला रंग सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा का संकेत देता है और पूजाघर के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

वास्तु के हिसाब से पूजा स्थल पर पीले रंग का इस्तेमाल करने से किसी भी कार्य में सफलता अवश्य मिलती है। वास्तु के हिसाब से हरा रंग भी पूजा स्थल के लिए उपयुक्त माना जाता है। हरा रंग जीवन और सद्भाव का प्रतीक होता है। यह रंग सही मात्रा में ऊर्जा प्रदान करता है इसलिए पूजा स्थान पर इस रंग का उपयोग भी किया जा सकता है।

आप पूजा स्थल पर नारंगी या केसरिया रंग का प्रयोग भी कर सकते हैं क्योंकि ये रंग साहस का प्रतीक माना जाता है। सफेद रंग के combination के साथ नारंगी और सिंदूरी रंग, पूजा की भावना जगाते हैं और ध्यान केंद्रित करने में सहायता भी करते हैं।

कुल मिला कर, पूजा स्थल में वास्तु के अनुसार सफेद रंग चुनना काफी अच्छा माना जाता है। सफेद रंग शुद्धता और स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है। यदि आपका पूजा स्थान संगमरमर का है तो यह भी आपके घर की उन्नति के लिए अच्छे संकेत देता है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार कैसा हो लिविंग रूम का रंग

वास्तु के अनुसार, लिविंग रूम की दीवारों के लिए रंग जैसे – सफेद, गुलाबी, पीला, क्रीम, हल्का हरा रंग या फिर हल्के नीले रंग का ही चुनाव करना चाहिए।

वास्तुशास्त्र के अनुसार गेस्ट रूम या ड्राइंग रूम का रंग

वास्तु के अनुसार ड्राइंग रूम या गेस्ट रूम की दीवारों के रंगों का चुनाव हल्का, शांत व सौम्य होना चाहिए जैसे – हल्के नीले, हल्के हरे और आसमानी रंग होना चाहिए। ध्यान रखें कि कमरे की छत पर सफेद रंग ही कराएं किन्तु रूम की खिड़की और दरवाजे और उनके पर्दे, दीवारों के रंग से मिलते-जुलते ही प्रयोग करें।

वास्तुशास्त्र के अनुसार स्टडी रूम का रंग

वास्तु शास्त्र के अनुसार स्टडी रूम (अध्ययन कक्ष) के रंग के लिए हल्के रंगों का प्रयोग करना अच्छा होता है। अध्ययन कक्ष के लिए क्रीम कलर, हल्का जामुनी, हल्का हरा, आसमानी, पीला, या बादामी रंग का चयन करना चाहिये क्योंकि, हल्का रंग वास्तु की दृष्टि से शुभ माना जाता है और विशेषकर पीला रंग, ये मन को शांत रख कर एकाग्रचित होने में सहायता करता है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार कैसा हो बाथरूम का रंग

वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम का निर्माण करते समय आपको गहरे रंग के उपयोग से बचना चाहिए। बाथरूम में हल्के रंगों का उपयोग करना चाहिए ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। बाथरूम में डार्क कलर के मग और बाल्टी का भी उपयोग नहीं करना चाहिए।

आप अपने बाथरूम केलिए सफेद या नीले रंग की बाल्टी का उपयोग कर सकते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार वाशबेसिन हल्के रंग का होना चाहिए। अगर आपका बाथरूम और शौचालय एक साथ है, तो टॉयलेट सीट का रंग हल्का रखें।

वास्तुशास्त्र के अनुसार घर पर्दों का रंग कैसा होना चाहिए

ईशान कोण

अपने घर या कमरे की उत्तर पूर्व दिशा या ईशान कोण में आप हल्के रंग के पर्दे लगा सकते हैं। आप पीला, नारंगी, सफेद, ऑफ वाइट और गुलाबी रंग का पर्दा भी लगा सकते हैं। इसके अलावा यहां हल्का हरा, नीला और बैंगनी रंग के पर्दे भी लगाए जा सकते हैं।

दक्षिण दिशा

आपके घर या कमरे की दक्षिण दिशा की खिड़की और दरवाजों के लिए गहरे रंग के पर्दे शुभ होते हैं। इस दिशा में आप लाल, मैरून या गहरे हरे रंग के पर्दे लगा सकते हैं।

नैऋत्य कोण

अपने घर या कमरे की दक्षिण पश्चिम दिशा या नैऋत्य कोण में आप हल्का गुलाबी या लेमन कलर का पर्दा लगा सकते हैं लेकिन यदि इस कोण में दक्षिण का प्रभाव ज्यादा है तो लाल और गहरे हरे रंग के पर्दे का भी प्रयोग किया जा सकता है

उत्तर दिशा

घर या कमरे की उत्तर दिशा मे लगने वाले परदों के लिए आसमानी और सफेद रंग को शुभ माना जाता है।

पूर्व दिशा

वास्तु शास्त्र में घर की पूर्व दिशा के लिए हल्के हरे रंग या फिर मिंट ग्रीन कलर के पर्दे लगाना शुभ माना गया है।

पश्चिम दिशा

घर की पश्चिम दिशा में सफेद और नीले रंग के पर्दे लगाना अच्छा होता है।

आग्नेय कोण

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की दक्षिण पूर्व दिशा मे या आग्नेय कोण की दिशा मे लगी खिड़की और दरवाजे में पीले और नारंगी रंग का परदा लगाना चाहिए। इसके अलावा लाल, मैरून, कैमल ब्राउन और सिंदूरी रंग का पर्दा भी लगाया जा सकता है।

वायव्य कोण

घर के उत्तर पश्चिम दिशा या वायव्य कोण में हल्का नीला, स्लेटी और बैंगनी रंग का पर्दा लगाना अच्छा होता है।

घर के बाहर की दीवारों का रंग

घर की बाहरी दीवार के लिए शुभ रंग जैसे – सफेद, पीला और हरा रंग घर के बाहरी हिस्से के लिए भाग्यशाली माना जाता है क्योंकि ये रंग घर में सकारात्मकता लाते है।

वास्तु के अनुसार घर में इन रंगों को भूल से भी प्रयोग नहीं करें

घर की बाहरी दीवारों पर रंग चुनते समय इस बात का ध्यान रखें कि बाहरी दीवारों के लिए हल्के रंगों का प्रयोग न करें। जैसे कि बाहरी दीवारों के लिए हल्का सफेद रंग, क्रीम रंग, सुनहरा रंग, भूरा रंग, ग्रे रंग और काला रंग का प्रयोग करने से बचें। क्योंकि ये सभी रंग राहु, मंगल, शनि और सूर्य का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए इन रंगों को घर की बाहरी दीवारों पर लगाने से परहेज करें।

बाथरूम की दीवार पर न लगाएं गहरे रंग। बाथरूम की दीवार पर गहरा नीला, भूरा और काला रंग लगाने से बचना चाहिए। क्योंकि यह स्थान राहु ग्रह का माना जाता है और घर की (पॉजिटिव) ऊर्जा को राहु (राहु ग्रह मजबूत) बहुत प्रभावित करता है।

बेडरूम की दीवार पर न लगाएं लाल रंग। वास्तु के हिसाब से घर के बेडरूम (बेडरूम वास्तु टिप्स) में लाल रंग का प्रयोग करने से बचें। क्योंकि लाल रंग अग्नि की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है और इसका संबंध व्यक्ति के स्वभाव से होता है।

कार पार्किंग और गैरेज में गहरे रंगों का इस्तेमाल करने से बचें। घर के कार पार्किंग क्षेत्र और गैरेज में गहरे रंग का प्रयोग करने से बचना चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

निष्कर्ष

यह बात हम सभी जानते हैं कि हर रंग का कुछ न कुछ महत्व अवश्य होता है। हर रंग हम को एक एनर्जी देता है जिसके माध्यम से हम अपने घर में सकारात्मकता का संचार कर पाते है। वास्तु शास्त्र में घर को ऊर्जावान बनाने के लिए घर के हर कोने के लिए एक रंग बताया गया है उन्ही रंगों को हमने अपने लेख के माध्यम से बताया है जिससे आप भी अपने घर में पॉजिटिव रंगों का संचार कर सकें और घर को सुख समृद्धि बना कर घर को जीवंत कर सकें।