शनिवार व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं

हमें किसी भी व्रत को रखते समय उसके विधि-विधान को भली भांति अवश्य जान लेना चाहिए। तभी तो हमें उस व्रत को करने का अच्छा रिजल्ट मिलता है। शनिवार के व्रत में नमक खायें अथवा नहीं, यह कन्फ्यूजन अक्सर लोगों के मन में रहता हैं। आज हम आपकी इसी जिज्ञासा का तर्क सहित समाधान करेंगे ।

क्योंकि हमारा आज का सब्जेक्ट ही यही है कि शनिवार के दिन व्रत रखते समय नमक खाना उचित है अथवा अनुचित। हम सभी जानते हैं कि प्रत्येक व्रत की अपने नियम और मर्यादायें होती है। क्योंकि वे अलग-अलग देवी-देवताओं से जुड़े हुए होतें हैं।

हम किसी व्रत में अन्न खा सकते हैं तो कोई व्रत केवल फलाहार पर ही रखा जाता है। कुछ व्रत में एक समय भोजन किया जा सकता है तो किसी व्रत में जल पीना भी वर्जित होता है। इसी प्रकार कुछ व्रतों में नमक खाया जा सकता है तो कुछ में नमक का सेवन बिल्कुल मना है। आज हमारा सारा फोकस शनिवार व्रत पर है। आइये जानते है कि शनिवार व्रत में नमक खाना सही है या गलत?

शनिवार का व्रत क्यों रखा जाता है ?

ज्योतिष विज्ञान में शनि को बेहद महत्वपूर्ण माना गया हैं। यदि शनिदेव आपसे प्रसन्न हैं तो आपका घर धन-धान्य से भरा रहता है और नौकरी- रोजगार की कोई कमी नहीं रहती। लेकिन यदि शनि की कुदृष्टि होती है तो सब कुछ इसके विपरीत दिखाई देता है।

यदि आपकी जन्मकुंडली में शनिदेव का प्रकोप है तो शनिवार का व्रत रखना आवश्यक हो जाता है। इस व्रत को रखने के पीछे शनि देव की कृपा पाने का उद्देश्य छिपा हुआ होता है। दरअसल शनिवार का व्रत कुंडली में शनि दोष से मुक्ति पाने के लिये किया जाता है।

जिन व्यक्तियों पर शनि की साढ़े साती होती है, उन्हें अपने जीवन में बहुत से संकटों का सामना करना पड़ता है। तब हम शनि देव की वक्र दृष्टि से छुटकारा पाने के लिये विधि-विधान से शनिवार का व्रत करते हैं। शनि की महादशा और अन्तर्दशा से बचने के लिये भी शनिवार का व्रत ही एक मात्र उपाय है।

शनिवार व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं

शनिदेव की पूजा में काले तिल, काले वस्त्र, तेल, उड़द आदि को उपयोग में लाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इस शनिवार व्रत में हम शनि मंदिर में जाकर शनि देव के समक्ष दीया जलाते हैं।

इसके साथ ही हाथ जोड़कर अपने व अपने परिवार की खुशहाली के लिये शनि देव से प्रार्थना करते हैं। जिन व्यक्तियों पर शनि देव की पहले से ही कृपा है वे भी सदा उनकी अनुकंपा पाने के लिये प्रत्येक शनिवार शनि देव का पूजन कर सकते हैं। अब आते हैं मुख्य बात पर।

शनिवार व्रत में नमक का सेवन करें या नहीं

यदि आप शनिवार का व्रत रख रहें हैं तो नमक खा सकते हैं। लेकिन शनिवार व्रत में केवल सेंधा नमक खाया जा सकता हैं। क्योंकि सेंधा नमक को फलाहारी के अन्तर्गत रखा जाता है। लेकिन इसके अलावा शनिवार व्रत में ऐसी बहुत सारी वस्तुएं हैं जिनको खाना-पीना वर्जित माना गया है। लेकिन ध्यान रहे शनिवार व्रत में समुद्री नमक, जिसे हम सामान्य तौर पर अपनी रसोई मे प्रयोग करते हैं और पहाड़ी नमक जिसे काला नमक भी कहते हैं, इनका प्रयोग कदापि नहीं करना चाहिए।

ऐसा वर्णित है कि शनिवार व्रत में मदिरा अर्थात किसी भी प्रकार की शराब नहीं पीनी चाहिए। नहीं तो व्रत खंडित हो जाता है। इसी प्रकार शनिवार के व्रत में मांस – मछली भूल कर भी नहीं खाना चाहिए। नहीं तो शनि देव भयंकर रुष्ट हो जाते हैं। जिसका दंड भोगना पड़ता है।

शनिवार व्रत में मन, कर्म और वचन से शुध्द होना चाहिए। तभी शनिवार के व्रत का प्रतिफल प्राप्त होता है। शनिवार ही नहीं, किसी भी व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ से किया जाना आवश्यक होता है। तभी उस व्रत का प्रतिफल प्राप्त होता है।

ऐसा नहीं कि सुबह उठते ही ईश्वर की पूजा के स्थान पर पेट- पूजा की चिंता सवार हो जाये और सारे दिन प्रभु वंदना के बजाय खाना-पीने की व्यवस्था में लगे रहें। ऐसा करने से हम व्रत के मुख्य उद्देश्य से भटक जाते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप हम व्रत के सकारात्मक प्रभाव से कोसों दूर हो जाते हैं।