पापमोचनी एकादशी में मनोकामना पूर्ति के लिए करे कुछ उपाय ?

पापमोचनी एकादशी सभी 24 एकादशियों व्रतों में से अंतिम एकादशी (सम्वत की अंतिम एकादशी) है। यह उत्तर भारतीय पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष को मनाया जाता है किन्तु दक्षिण भारतीय पंचांग के अनुसार यह फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष को मनाया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि पापमोचिनी एकादशी उत्तर और दक्षिण दोनों तरफ में एक ही दिन (एकादशी) को पड़ता है।

साल के प्रत्येक एकादशी की तरह पापमोचनी एकादशी के दिन पर भी भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा की जाती है। यह एकादशी मनुष्य के जन्म जन्मांतर के समस्त पापों को जलाकर भस्म कर देती है।

अगर पूर्ण श्रद्धा भक्ति भाव के साथ सात्विक रहते हुए पाप मोचनी एकादशी का व्रत किया जाए तो सम्पूर्ण जगत के स्वामी श्री लक्ष्मी नारायण प्रसन्न होकर अपने भक्तों के सभी कष्टों का निवारण करते हैं और बड़े बड़े योग से भगवान श्री हरि को उतनी प्रसन्नता नहीं होती, जितना एकादशी व्रत करने वाले भक्तो से मिलती है।

पापमोचनी एकादशी में मनोकामना पूर्ति के लिए करें कुछ उपाय

पापमोचनी एकादशी व्रत का फल

पापमोचनी एकादशी व्रत के प्रभाव से व्यक्ति अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति पा लेता है। भगवान श्री हरि विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए और अपने पिछले जीवन के पापों को खत्म करने के लिए किसी भी व्यक्ति को पापमोचनी एकादशी के दिन शुद्ध मन से पूजा करके उस दिन व्रत रखना चाहिये।

  1. इस व्रत के प्रभाव से व्रती को मृत्यु के पश्चात बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है।
  2. इस व्रत को करने वाले व्यक्ति को जन्म जन्मांतर के बंधनों से मुक्ति मिल जाती है।
  3. गृहस्थ जीवन में रहते हुए यदि पति-पत्नी इस व्रत को करे तो उनके दांपत्य जीवन में सुख व्याप्त होता है साथ ही साथ धन-संपत्ति, सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

पापमोचनी एकादशी में मनोकामना पूर्ति के लिए करे यह उपाय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए एकादशी के दिन कुछ उपाय करना शुभ फल देने वाला होता है –

  • मनचाही नौकरी या फिर प्रमोशन के लिए एकादशी के दिन एक कच्चा नारियल और आठ बादाम लेकर भगवान विष्णु के मंदिर में जाकर चढ़ा दें और अपनी इच्छा पूर्ति की कामना करें। सुख-समृद्धि के लिए पापमोचनी एकादशी के दिन श्रद्धा भाव के साथ भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें पीले फूल अर्पित करके अपने घर परिवार के सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
  • व्यापार में बढ़ोत्तरी के लिए और अपार सफलता पाने के लिए 11 गोमती चक्र और तीन छोटे एकाक्षी नारियल को भगवान विष्णु के मंदिर में चढ़ा दें और विधि-विधान से पूजा करें। पूजा के उपरांत पीले रंग के कपड़े में गोमती चक्र बांध लें और इसे ऑफिस के मंदिर में रख दें। ऐसा करने से व्यापार में लाभ मिलेगा। एकादशी के दिन शाम को भगवत गीता का पाठ करना शुभ होगा। इससे धन-धान्य की बढ़ोतरी होती है और धन-धान्य की बढ़ोतरी होती है और घर में मां लक्ष्मी का सदा के लिए वास रहता है।
  • एकादशी के दिन सुबह भगवान विष्णु की लेटी हुई मूर्ति विधि-विधान से पूजा करें और रात के समय श्री हरि विष्णु के सामने एक दिया जलाये जिसमे नौ बाती होनी चाहिए। इसके अलावा एक अन्य दिया भी जलाना चाहिए जिसे रात भर जलने देना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होकर पूजा करने वाले व्यक्ति को अपना आशीर्वाद देती है जिससे व्यक्ति को सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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Frequently Asked Questions – अकसर पूछे जानेवाले सवाल

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पापमोचनी एकादशी के पावन तिथि पर भगवान विष्णु के चतुर्भज स्वरुप की पूजा का विधान है। इस एकादशी पर विधि-विधान से श्री हरि विष्णु भगवान की पूजा करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है, किन्तु बहुत से श्रद्धालुओं के मन मे एकादशी के व्रत को ले कर कुछ बातों का संदेह होता है। उनके मन मे बहुत सारे प्रश्न होते हैं, जिनके उत्तर उन्हे नाही मिलते। श्रद्धालुओं के मन मे उठने वाले इन्ही सारे प्रश्नों के उत्तर हम अपने इस लेख के अंत मे देने जा रहे हैं, आशा है कि आपकी सारी शंकाओं का समाधान इससे हो जाएगा।

Question: क्या एकादशी के दिन चावल खाना अशुभ माना जाता है?

Answer: धार्मिक शास्त्रों के अनुसार सभी 24 एकादशियों में चावल खाने को वर्जित बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि एकादशी के दि चावल खाने से मनुष्य रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता है, इसलिए इस दिन भूलकर भी चावल का सेवन न करें। व्रत करना अगर संभव नहीं है तो इस दिन चावल न खाएं और कोशिश करें इस दिन केवल सात्विक आहार लें।

Question: क्या एकादशी के दिन मांस खाने से भगवान नाराज हो जाते है?

Answer: एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की आराधना और उनके प्रति समर्पण के भाव को दर्शाता है। एकादशी के दिन खान-पान और व्यवहार में संयम और सात्विकता का पालन अवश्य करें। मांस, मदिरा इत्यादि तामसिक वस्तु के सेवन से दूर रहना चाहिए। क्या एकादशी के दिन मांस खाने से विष्णु भगवान अत्यधिक क्रोधित हो जाते हैं।

Question: क्या एकादशी के दिन, पति-पत्नी को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए?

Answer: एकादशी के दिन संयम के साथ पति-पत्नी को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करने से भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं।

Question: एकादशी के दिन किस मंत्र का जाप करना चाहिए?

Answer: एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करने के बाद तुलसी की माला से ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय.’ मंत्र का जाप करना चाहिए । इससे व्यक्ति के समस्त प्रकार के पापों का शमन हो जाता है। यह मंत्र बहुत चमत्कारी है।

निष्कर्ष (conclusion)

होलिका दहन और चैत्र नवरात्रि के बीच आने वाली एकादशी को “पापमोचनी एकादशी” के नाम से जाना जाता है। इस व्रत का चलन युगों से चल रहा है यह हिन्दू वर्ष की आखिरी एकादशी होती है। भक्तजन बड़ी ही श्रद्धा भाव से भगवान के प्रेम, स्नेह और कृपा पाने की इच्छा से इस व्रत को करते हैं। इस व्रत को करने से व्यक्ति अपनी किसी भी प्रकार की भूल या अनजाने में हुए पाप की क्षमा प्रार्थना करके अपने पापों से मुक्ति पा सकता है जिससे वह अंत समय में श्री हरि विष्णु के धाम की प्राप्ति करता है।