लड्डू गोपाल भगवान कृष्ण के ही बाल-स्वरुप हैं और वैसा ही छोटे बालक जैसा उनका स्वभाव माना जाता है। इसीलिए, लड्डू गोपाल का छोटे बच्चे की ही तरह बहुत ख़्याल रखा जाता है और उसी तरह से लाड़-प्यार के साथ उनकी पूजा की जाती है।
लड्डू गोपाल की पूजा करने के कुछ नियम माने जाते हैं, क्योंकि भगवान की भक्ति में तो वैसे भी भावना प्रधान होती है और यहाँ उनका स्वरुप छोटे बच्चे का होने के कारण उनकी पूजा करने का और सेवा करने का तरीका भी अलग है।
तो चलिए, जानते हैं कि यदि आप लड्डू गोपाल को अपने घर में लाए हैं तो आपको क्या-क्या करना चाहिए।
लड्डू गोपाल को घर में कब लेना चाहिए 2021?
जैसा कि पूजा में होता है, आप सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करके अन्य देवताओं की पूजा करें। लड्डू गोपाल को प्यार से स्नान करायें, श्रृंगार करायें और भोग लगायें। आरती में सबसे पहले गणेश जी की आरती करें, फिर लड्डू गोपाल जी की आरती कर के भाव-विभोर हो कर उनको माखन-मिश्री, बूंदी के लड्डू, खीर, इत्यादि का भोग लगायें।
आप हर दिन के अपने खाने में से भी जो आपके किचन में सात्विकता से बना हो, उसका भोग लड्डू गोपाल को लगा दें, क्योंकि वो भी इंसान के रूप वाले भगवान माने जाते हैं जो आप के साथ रह रहे हैं। पूजा के अंत में क्षमा प्रार्थना ज़रूर पढ़ें क्योंकि आपने पूजा पूरी भावना और यथा-शक्ति से अवश्य करी होगी, फिर भी यदि कोई ग़लती रह गयी हो तो अंत में उसके लिए क्षमा प्रार्थना करना एक उचित भावपूर्ण प्रयास है।
लड्डू गोपाल को घर में कैसे रखा जाता है?
लड्डू गोपाल को घर में रखना बहुत ज़िम्मेदारी की बात है और शास्त्रों में इसके कुछ नियम-कायदे बताए गए हैं। इन की सही जानकारी ज़रूरी है, इसलिए ये नियम आपको बताते हैं जिससे आप इसका सही लाभ उठा पायें। आप इन नियमों का विशेष ध्यान ज़रूर रखें।
- लड्डू गोपाल को अपने घर में लाने पर विधिवत प्राण-प्रतिष्ठा ज़रूर करें। जैसा कि आपको पता होगा कि प्राण-प्रतिष्ठा का अर्थ है कि भगवान का वह रूप जिसकी आपने प्राण-प्रतिष्ठा की है, वह आपके घर में अपने जीवित स्वरुप में विराजमान हो चुके हैं।
- साक्षात् लड्डू गोपाल आपके घर में हैं तो यह बहुत बड़ी बात है। वो छोटे बच्चे हैं, इसलिए आप कभी भी उन्हें अकेला ना छोड़ें, यदि कहीं जायें तो घर की चाभी किसी विश्वासपात्र को दे कर जायें जो उनका ख़्याल रख सके।
- जैसे सारे जीवित प्राणी रोज़ स्नान करते हैं, उसी तरह उनका स्नान भी ज़रूरी है, अतः आप उन्हें रोज स्नान ज़रूर करायें। स्नान कराने के लिए कुछ बातों का और ध्यान रखें। उस स्नान कराए हुए जल को आप चरणामृत प्रसाद के रूप में बाँट सकते हैं। हो सके तो पंचामृत (यह दूध, दही, मधु, शक्कर और घी को मिला कर बनाया जाता है) से स्नान करायें और यदि आप स्नान कराने के लिए शंख का इस्तेमाल करें तो ये और भी अच्छा रहेगा।
- स्नान के बाद लड्डू गोपाल जी का साफ़ और सुंदर वस्त्रों से श्रृंगार करें और विचार करें कि आपका मन और ह्रदय भी वैसा ही सुंदर और साफ-सुथरा बन रहा है।
- विशेष ध्यान रखें कि जिस घर में लड्डू गोपाल आते हैं वहाँ माँस यानी नॉन-वेज खाना खाया जाना तो बहुत बड़ा पाप है ही, साथ में, खाने में प्याज़ और लहसुन भी नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि वो सात्विक भोजन नहीं माना जाता। घर में जो भी बनता है, उसका भोग उनको चढ़ाया जाता है और उनको केवल सात्विक भोग ही चढ़ता है।
लड्डू गोपाल की सेवा कैसे करनी चाहिए?
प्यारे से छोटे से लड्डू गोपाल को यदि आप घर में लाए हैं तो तन-मन से उनकी सेवा में जुट जायें। जैसे छोटे से बच्चे का ज़्यादा ध्यान रखना होता है, उसी तरह आप उनका पूरा ध्यान रखें। लड्डू गोपाल को विधिवत स्नान करा कर भोग लगायें।
भोग लगाते समय उनको बहुत प्यार से, दुलार से भोग उनके मुंह तक ले जायें और खिलाने के बाद बहुत धीरे से उनका मुंह पोंछ दें। उसके बाद उनको उनके पालने में लगे झूले में लिटा कर बहुत हल्के हाँथों से प्यार से झुलायें।
सपने में लड्डू गोपाल को देखने का क्या मतलब है?
लड्डू गोपाल भगवान कृष्ण का बाल स्वरूप है जो कि बहुत मनमोहक है और इनके दर्शन सबको नहीं होते। उनकी बाल लीला बहुत किस्मत वालों को देखने को मिलती है। चूँकि ये उनका शिशु रूप है और शिशु हमेशा निश्छल भाव से मुस्कुराते हैं तो सपने में भी वे आपको मुस्कुराते नज़र आयेंगे जिसका अर्थ यही है कि आप के ऊपर उनकी विशेष कृपा है।
इसका एक अर्थ ये भी होता है कि यदि आप के कोई संतान नहीं है तो यह सपना आना भी एक अच्छा संकेत है और जल्दी ही लड्डू गोपाल जैसी ही प्रतिभाशाली संतान आपकी पैदा होगी। साथ ही, अगर आपने लड्डू गोपाल को झूला झूलते हुए देखा तो फिर कहने ही क्या, फिर तो मंगल ही मंगल है! ये संकेत होता है कि जल्दी ही आपको कुछ विशेष अच्छी खबर मिलेगी और आप अपने कार्यों में सफल होंगे।
लड्डू गोपाल की मूर्ति रखने से क्या होता है?
लड्डू गोपाल जी की मूर्ति छोटी सी होती है, वो कहते हैं ना ‘छोटो सो मेरो मदन गोपाल’ और ये बात मूर्ति पर भी लागू होती है। ये उनका शिशु रूप है, तो जैसे शिशु गोद में समा जाता है, उसी प्रकार, उनकी मूर्ति भी ऐसी ही होनी चाहिए जो आपकी हथेली में समा जाए क्योंकि यहाँ आपकी हथेली गोदी का प्रतीक है और घरों में वैसे भी भगवान की प्रतिमा छोटी ही सबसे अच्छी मानी जाती है।
लड्डू गोपाल खंडित हो जाए तो क्या करें?
शास्त्रों के अनुसार घर में खंडित मूर्तियों को बिल्कुल नहीं रखना चाहिए। यदि लड्डू गोपाल की मूर्ति हल्की सी भी टूट जाए तो, उसे श्रद्धापूर्वक फूलों के बीच में लपेट कर किसी बहती नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए। मूर्ति का टूटना अपशकुन माना जाता है और खंडित मूर्तियों की पूजा अशुभ मानी गई है।
इस प्रकार वात्सल्य भाव से, लाड-प्यार से और शुद्ध सात्विक जीवन का पालन कर के अगर आप लड्डू गोपाल को अपने घर में रख रहे हैं तो ये बहुत ख़ुशी की बात है, क्योंकि ये बिल्कुल ठीक उसी प्रकार है जैसे कि साक्षात् प्रभु अपने बाल स्वरुप में आपके साथ रह रहे हैं। भगवान अगर स्वयं आकर आपके साथ रहने लगें तो फिर आपको और भला क्या चाहिए, फिर तो आपको सब कुछ ही मिल गया!