भैरव बाबा जिन्हें काल भैरव के नाम से भी जाना जाता है, भोले बाबा भगवान शिव के एक उग्र अवतार हैं। अक्सर ही आप मंदिरों में भैरव बाबा के दर्शन और पूजन करते ही होंगे परंतु उनकी मूर्ति किसी भी परिचित के घर में नहीं देखी होगी क्योंकि आमतौर पर लोग भैरव बाबा की मूर्ति घर में नहीं रखते।
ऐसे में आपके मन में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या आपको भैरव बाबा की मूर्ति घर में रखनी चाहिए या नहीं। आइए देखें कि हमारे प्राचीन भारतीय शास्त्र इस बारे में क्या कहते हैं और ऋषि-मुनियों द्वारा दिए गए प्रामाणिक ज्ञान के आधार पर आपकी इस दुविधा को दूर करने की कोशिश करते हैं।
कौन हैं भैरव बाबा और क्या है उनकी महिमा?
भैरव बाबा भगवान शिव के एक ऐसे अवतार हैं जो हर काल (अर्थात समय) में न्याय के रक्षक और बुराई का नाश करते हैं। समय आने पर वह विध्वंस भी करते हैं परंतु यदि आप सच्चे हैं और न्यायपूर्ण ढंग से अपने जीवन बिता रहे हैं तो आपको उनसे डरने की कोई आवश्यकता नहीं है।
आप यदि सच्चे मन से भैरव बाबा की पूजा करेंगे तो वो अवश्य ही आपको आशीर्वाद देंगे। पुरातन शास्त्रों में भैरव बाबा को काशी यानी वाराणसी क्षेत्र का कोतवाल भी बताया गया है। आपको भैरव बाबा की मूर्ति लगभग हर मंदिर में बाकी देवताओं की मूर्तियों से पहले बाहर की ओर दिखाई देगी।
ऐसा इसलिए क्योंकि उनको सभी देवताओं की रक्षा करने वाली शक्ति के रूप में जाना जाता है। माना जाता है कि भगवान शिव का यह रौद्र रूप नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर रखता है और भक्तों की किसी भी संभावित नुकसान से रक्षा करता है।
क्या घर में भैरव बाबा की मूर्ति रखना उचित है?
वैसे तो भैरव बाबा की अक्सर मंदिरों में पूजा की जाती है, लेकिन ऐसी मान्यता है कि उनकी मूर्ति घर में नहीं रखी जानी चाहिए। यह मान्यता सदियों से चली आ रही शास्त्रों की व्याख्याओं और पूर्वजों द्वारा बताए गए ज्ञान पर आधारित है, जिसको यहाँ विस्तार से बताया गया है।
घर में नहीं रखना चाहिए तीव्र ऊर्जा वाले उग्र देवता की मूर्ति
ऐसा इसलिए है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार, हर देवता की मूर्ति में एक विशेष प्रकार की ऊर्जा होती है और घर में तीव्र ऊर्जा वाले, विशेषकर ऐसे भगवान की ऐसी मूर्ति नहीं रखी जानी चाहिए जो क्रोध की ऊर्जा के लिए जाने जाते हैं।
चूँकि भैरव बाबा की एक योद्धा जैसी शक्तिशाली ऊर्जा मानी जाती है और उनका रूप उग्र है तो ऐसी मूर्ति से निकलने वाली बेहद शक्तिशाली ऊर्जा हर किसी के लिए सही नहीं है और इससे घर के वातावरण में ऊर्जा का सामंजस्य बिगड़ने से नुकसान भी हो सकता है।
इस प्रकार की भक्ति के लिए मंदिरों को सर्वोत्तम स्थान माना जाता है क्योंकि वहाँ पर मूर्ति से उत्सर्जित होने वाली शक्तिशाली ऊर्जा को संतुलित करने के लिए आवश्यक स्थान होता है और वहाँ यथोचित यज्ञ-अनुष्ठान भी होते रहते हैं।
जानें विद्वानों का क्या मत है इस बारे में
भगवान शिव के अवतारों के विस्तार से वर्णन वाले प्राचीन ग्रंथों जैसे कालिका पुराण और शिव पुराण में भी यह विशेष रूप से नहीं बताया गया है कि घर में भैरव बाबा की मूर्ति रखी जानी चाहिए या नहीं। कई अनुभवी वास्तु-शास्त्रियों और विद्वान पंडितों का तार्किक आधार पर यह स्पष्ट मत है कि भैरव बाबा भगवान शिव के रौद्र रूप हैं, इसलिए किसी को भी भैरव बाबा की मूर्ति घर में नहीं रखनी चाहिए।
विद्वान पंडितों की सलाह मानी जाए तो अपने घर में मूर्ति लाने के बजाय यदि आपको भैरव पूजा की पूजा करनी है तो आप पास के किसी मंदिर में जाएं और वहां प्रार्थना करें। आप अपने घर में ऊर्जा के संतुलन को बिगाड़े बिना अपने घर की सुरक्षा के लिए मंत्रों से भैरव बाबा की पूजा से सिद्ध किए गए यंत्र भी रख सकते हैं।
हनुमान जी भी योद्धा हैं तो उनकी मूर्ति घर में क्यों रहती है?
यह भी विचार करने योग्य बात है कि हनुमान जी भी तो बुराई का नाश करने वाले योद्धा हैं, तो फिर उनकी प्रतिमा घर में क्यों रखी जाती है। यह जानना दिलचस्प है कि हिंदू पौराणिक कथाओं में, भैरव बाबा और हनुमान जी का गहरा संबंध है।
क्या आपको मालूम है कि शिव पुराण के अनुसार हनुमान जी को भी भगवान शिव का ही एक अवतार माना जाता है। दोनों के भगवान शिव का अवतार होने पर भी एक प्रमुख अंतर यह है कि भैरव बाबा का रुद्र यानी उग्र रूप ही हमेशा प्रमुख माना जाता है परंतु हनुमान जी के अनेक रूप हैं।
उनमें से एक रूप बल, बुद्धि, विद्या प्रदान करने वाला और सब पर दया करने वाला भी है, उनकी इसी रूप वाली मूर्ति को सभी भक्त अपने घरों में रखते हैं। इसलिए हालाँकि घर के माहौल के लिए भैरव बाबा की मूर्ति उपयुक्त नहीं हो सकती है, लेकिन हनुमान जी की कहानी बिल्कुल अलग है। हनुमान जी को भक्तगण संकटमोचक और रक्षक मानते हैं, इसलिए उनकी मूर्ति अक्सर घरों, मंदिरों और यहां तक कि गाड़ी में भी लगायी जाती है जो बहुत शुभ होता है।
घर में हनुमान जी की मूर्ति रखनी चाहिए या नहीं?
हनुमान जी के अनेक रूप हैं, इसलिए आप उनकी ऐसी मूर्ति को चुनें जिसमें उनके मुख पर शांति हो। जिस तर्क के कारण भैरव बाबा की मूर्ति घर में रखना सही नहीं माना जाता, उसी तरह हनुमान जी के रौद्र रूप वाली मूर्ति और चित्र को भी घर में नहीं रखा जाना चाहिए। आप अपनी सच्ची श्रद्धा और भक्ति भाव से नियमित हनुमान जी की पूजा-अर्चना करें, वो अवश्य ही आपके दुःख दूर करेंगे और आपकी रक्षा करेंगे।
शास्त्रोक्त निष्कर्ष यही है कि घर में हनुमान जी अपने करुणामयी रूप से आपको शक्ति, सुरक्षा और शांति प्रदान करेंगे, इसलिए उनकी शांत मुख वाली मूर्ति आप अपने घर में रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर भैरव बाबा की सदैव योद्धा जैसी ऊर्जा होने के कारण वह आपके घर के लिए बहुत तीव्र हो सकती है, इसलिए उसको आप अपने घर में ना रखें।