हर व्यक्ति के मन में भगवान की सभी तस्वीरों में से कुछ सबसे प्रिय तस्वीरें होतीं हैं जिनको वह अपने घर में श्रद्धा भाव से लगाता है। आपने भी माँ लक्ष्मी की तस्वीर अवश्य देखी होगी, आप को उनकी सबसे अच्छी तस्वीर कौन सी लगती है जिसको देखते ही आपके मन में असीम श्रद्धा उपजे तथा उसी क्षण आपको माँ लक्ष्मी की आराधना करने का मन करे?
क्या आप जानते हैं कि आप देवी लक्ष्मी की जिस तरह की तस्वीर या मूर्ति रखते हैं, उससे आपके घर में हो रहे ऊर्जा के प्रवाह पर भी फर्क पड़ सकता है? आइए आज इस विषय पर समझें कि हमारे प्राचीन शास्त्रों में माता लक्ष्मी की तस्वीर के बारे में क्या जानकारी दी गयी है, साथ ही जानेंगे कि आपको अपने घर में भगवान विष्णु की लेटी हुई मूर्ति रखनी चाहिए या नहीं।
लक्ष्मी माँ की सबसे अच्छी तस्वीर कौन सी होती है?
जैसा कि हम सब जानते हैं कि माँ लक्ष्मी अपने अनन्य भक्तों को धन-धान्य, हर तरह के वैभव आदि एवं सुख-समृद्धि से संपन्न करती हैं। विभिन्न प्राचीन शास्त्रों में जो उनके बारे में वर्णन किया गया है वह केवल कपोल-काल्पनिक नहीं है बल्कि उसके सार-गर्भित, आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक अर्थ होते हैं।
इन अर्थ को अगर आप समझ लेंगे तो आपको लक्ष्मी माँ की सही तस्वीर का चुनाव करने में आसानी होगी। सबसे पुराने संस्कृत वेदशास्त्र ऋग्वेद में लक्ष्मी जी की कई तरह की मूर्तियों के बारे में बताया गया है, जो आपकी सुविधा के लिए हमने यहाँ नीचे वर्णित की हैं:
लक्ष्मी जी की चार भुजाओं वाली तस्वीर
लक्ष्मी जी की चार भुजाओं वाली छवि सबसे लोकप्रिय और सभी जगह पर मिलने वाली तस्वीरों में से एक है। इस तस्वीर में वह आमतौर पर कमल के फूल पर खड़ी हुई अवस्था में होती हैं। उनके चारों हाथों में से एक हाथ से सोने के सिक्के निकलते दिखते हैं।
उनके दूसरे हाथ में उन्होंने माला पकड़ी हुई है, तीसरे हाथ में शंख है और चौथे हाथ में कमल का फूल दिखता है। उनके हाथ में दिखने वाली ये वस्तुएँ क्रमशः धन, ज्ञान, समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक हैं। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि लक्ष्मी जी की हथेली आगे की ओर खुली दिखनी चाहिए, जो आशीर्वाद देने की मुद्रा में होती है।
लक्ष्मी जी के एक हाथ में घड़े से सोने के सिक्के निकलने की तस्वीर
इस तस्वीर में आपको लक्ष्मी माता कमल के फूल पर बैठी हुई अवस्था में दिखेंगी। उनके पीछे के दोनों हांथों में एक-एक कमल के फूल, आगे का एक हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में और आगे के दूसरे हाथ में वो एक घड़ा पकड़े दिखेंगी जिसमें से सोने के सिक्के निकल कर बहते जा रहे हैं।
लक्ष्मी जी की ये फोटो धन के आगमन को दर्शाती है । अगर आप अपने घर मे लक्ष्मी जी की ये फोटो रखती हैं और पूरे श्रद्धा भाव से उनकी पूजा करती हैं इसके साथ ही अगर आप अपने पूरे घर मे साफ-सफाई का विशेष प्रबंध रखती हैं तो विश्वास मानिए आपके घर मे धन के आगमन को कोई रोक नहीं सकता।
लक्ष्मी जी के पीछे दोनों तरफ सूंड़ उठाए हाथी की तस्वीर
लक्ष्मी जी की इस तस्वीर में आपको लक्ष्मी माँ के पीछे दोनों ओर एक-एक हाथी अपनी सूंड़ उठायी हुई मुद्रा में दिखेंगे। बृहदारण्यक उपनिषद के अनुसार, लक्ष्मी जी के पीछे दिखने वाले ये दोनों हाथी शक्ति और बुद्धि का प्रतीक हैं। उनके कमल के फूल वाले आसन के नीचे बहते हुए दिखने वाला जल विचारों की शुद्धता का प्रतीक होता है।
लक्ष्मी माँ की इनमें से कोई भी तस्वीर आप अपने घर या दुकान मे रखें और अनुभव करें कि लक्ष्मी माता आप को देख कर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दे रही हैं। उनकी हथेली से सुख-शांति और समृद्धि की किरणें निकल कर आपकी ओर आ रही हैं, इससे आपका अवश्य ही भला होगा।
भगवान विष्णु की लेटी हुई मूर्ति घर में रखनी चाहिए या नहीं
आपको लगभग हर जगह भगवान विष्णु की खड़ी हुई अवस्था में ही मूर्तियाँ या तस्वीरें दिखेंगी क्योंकि खड़ी हुई अवस्था में भगवान विष्णु का पौरुष और पुरुषों में उत्तम छवि परिलक्षित होती है परंतु कुछ अवसरों पर आपको भगवान की ऐसी भी तस्वीर या मूर्ति दिख सकती है जिसमें भगवान विष्णु अलौकिक ब्रह्मांड महासागर के बीच में शेषनाग पर लेटी हुई अवस्था में दिखेंगे।
प्रश्न यह उठता है कि यदि विष्णु भगवान की ऐसी लेटी हुई मूर्ति या तस्वीर आपको मिल जाए तो क्या उसको आपको अपने घर या दुकान में रखना चाहिए। आइए जान लेते हैं कि हमारे प्राचीन शास्त्रों में प्रामाणिक तौर पर इस विषय में भी क्या बताया गया है।
विष्णु भगवान की शेषनाग पर इस लेटी हुई मुद्रा को अनंतशयन कहते हैं। विष्णु पुराण के अनुसार, यह मुद्रा प्रतीकात्मक तरीके से यह दिखाती है कि ब्रह्मांड के पालनहार भगवान विष्णु विश्राम की अवस्था में भी पूरे संसार का पालन-पोषण करते रहते हैं।
उनको किसी भी तरह का कोई तनाव नहीं है और उनके चेहरे पर दिव्य आभा दिखती है। भगवान की छवि घर में इसीलिए रखी जाती है जिससे उनसे निकलने वाली सकारात्मक ऊर्जा आपको मिले और आप भी उनके जैसे बनें, इसलिए इस मूर्ति या तस्वीर को आप अपने घर में ऐसे स्थान पर लगायें जहाँ पर शांति की आवश्यकता हो।
तर्कपूर्ण ढंग से यदि भगवान विष्णु की इस मुद्रा का और विश्लेषण करें तो कुछ विद्वानों का यह भी मत है कि इस मूर्ति या तस्वीर को अपने शयनकक्ष में नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इसमें भगवान आराम की अवस्था में हैं जिससे निष्क्रियता की भावना मन में आ सकती है।
हालांकि, आप इस मूर्ति को वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्वोत्तर दिशा वाले अपने घर के दूसरे कमरे या पूजा घर में लगा सकते हैं। लक्ष्मी जी की तस्वीर को आप वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की उत्तर दिशा वाले कमरे में या अपने पूजा घर में लगायें क्योंकि यह धन-समृद्धि की दिशा होती है जिसकी देवी लक्ष्मी जी हैं।
भगवान विष्णु की लेटी हुई अवस्था दर्शाती है कि कितनी भी ख़राब और तनावपूर्ण स्थिति हो परंतु आप को अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए, हमेशा प्रेम भाव से और अपनी सही क्षमता से अपने हर कार्य को करते रहें तो आपको मनचाही सफलता अवश्य प्राप्त होगी।