खाता खुलवाते समय बैंक अपने ग्राहकों से कुछ आवश्यक डाक्यूमेंट्स की माँग करता है। ताकि उन्हें खाता खुलवाने के इच्छुक व्यक्ति का परिचय एवं उसके एड्रेस का प्रूफ मिल सके। क्योंकि बैंक भी यही चाहता है कि जो व्यक्ति उनके बैंक से जुड़े, उसकी सही-सही जानकारी बैंक को मिले।
वर्तमान में खाता खुलवाने के लिये बैंक के द्वारा माँगे गये आवश्यक डाक्यूमेंट्स में आधार कार्ड सर्वप्रमुख हैं और यदि खाता खुलवाने के इच्छुक व्यक्ति के पास अपना आधार कार्ड नहीं है तो बैंक में अकाउंट खुलने में समस्या आती है। लेकिन हमें यह भी जानना चाहिये कि बिना आधार कार्ड के भी बैंक अकाउंट खुलवाया जा सकता है। लेकिन उसकी कुछ शर्तें हैं।
यह सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है लेकिन बैंक में बिना आधार कार्ड के खाता खुलवाने की शिथिलता उन्हीं लोगों के लिए है जिनके पास वास्तव में आधार कार्ड नहीं है या जिन्होंने अब तक आधार कार्ड नहीं बनवाया है।
इसलिये जिनके पास यह आवश्यक डाक्यूमेंट नहीं है और वो बैंक में अपना खाता खुलवाना चाहते हैं तो सर्वोच्च न्यायालय ने उनके लिए एक रास्ता सुझाया है उस तरीके को अपनाकर वह ग्राहक अपना बैंक अकाउंट खुलवा सकते हैं।
क्या है वह तरीका?
उसको हम अवश्य समझेंगे क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय का यह निर्णय है कि यदि कोई व्यक्ति बैंक में अकाउंट खुलवाना चाहता है तो केवल आधार कार्ड न होने पर बैंक उसे इंकार नहीं कर सकता।
सुप्रीम कोर्ट का साफ तौर पर यह दिशा-निर्देश है कि यदि कोई कस्टमर अपना बैंक अकाउंट खोलने का इच्छुक है तो बैंक उस ग्राहक को तुरंत आवेदन फॉर्म दे। उस आवेदन पत्र में अच्छी तरह से सही-सही जानकारियां भरवायें। उसमें उससे अपनी फोटो लगावाये।
उस फार्म पर हस्ताक्षर करवाए। उस व्यक्ति को बतायें कि बैंक में अकाउंट खुलवाते समय किसी इंट्रोड्यूसर की आवश्यकता होती है ताकि नया अकाउंट खुलवाने का इच्छुक वह व्यक्ति किसी से अपना परिचय सत्यापित कराये।
यदि उस ग्राहक के पास आधार कार्ड नहीं है तो बैंक उससे अपने आधार कार्ड के लिए आवेदन करने को कहें। बैंक के ग्राहक द्वारा आधार कार्ड के आवेदन करने पर उसे उसी दिन एक रिसिप्ट प्राप्त हो जायेगी। आधार कार्ड के स्थान पर बैंक आधार कार्ड की वह रिसिप्ट जमा करें और तुरंत खाता खोल दे।
खाता खुलते ही ग्राहक का वित्तीय लेन-देन आरंभ हो जाता है। उसे परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। 90 दिनों के अंदर जब भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की तरफ से उस ग्राहक को अपना आधार कार्ड प्राप्त होता है तो वह उसकी कॉपी एवं आधार नंबर बैंक में जमा कर देता है। इस प्रकार आधार कार्ड न रहने की दशा में आधार कार्ड के लिये इंरोलमेंट कराने पर मिली रसीद से बैंक अकाउंट खुल जाता है।
एक ग्राहक द्वारा खाता खुलवाने में आधार की अनिवार्यता के संबंध में शिकायत करने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह हस्तक्षेप किया गया था। इसमें सर्वोच्च न्यायालय की मंशा यही थी कि बैंकों द्वारा किसी ग्राहक को बेवजह परेशान न किया जाये ।
बैंक द्वारा अपने ग्राहकों को अधिक से अधिक सहूलियतें दी जायें। बैंक में अकाउंट खोलने की प्रक्रिया को सरल से सरल बनाया जाये। ग्राहकों का अकाउंट जीरो बैलेंस पर भी खोल दिया जाये।
ग्राहकों द्वारा समय-समय पर अपनी दिक्कतों को दूर करने के लिये कोर्ट की शरण लेने पर कोर्ट हमेशा से बैंक एवं पोस्ट ऑफिस के ग्राहकों को अच्छी से अच्छी सेवाएं देने के लिए निर्देश देती रहती है।
इसीलिए वित्तीय संस्थाओं ने अपनी सेवाओं को सरल बनाने का प्रयास किया है। बैंक में उपलब्ध सभी तरह के फॉर्म अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में छपे होते हैं ताकि दोनों में से किसी भी भाषा को जानने वाला बैंक की सेवायें ले सके और भाषा ग्राहक के मार्ग में बाधा न बने ।