पद्मश्री आशा पारेख बॉलीवुड की महान अभिनेत्रियों की श्रेणी में मानी जाती हैं और उनकी लोकप्रिय फिल्में सभी बड़े-बूढ़ों ने तो देखी ही होगी बल्कि मिलेनियल्स [millennials] ने भी उनकी कोई ना कोई फिल्म ज़रूर देखी होगी। एक ज़माने में वो अपने समय की सबसे ज़्यादा मँहगी एक्ट्रेस थीं।
तो, आइए आज आपसे यहाँ शेयर करते हैं आशा पारेख जी की लाइफ और करियर की चंद खास बातें।
उम्र, कद–काठी और फिगर (Asha Parikh Age)
आशा पारेख 5 फीट और 3 इंच लम्बी हैं। 2 अक्टूबर को पैदा हुई आशा जी आज 78 साल की हो चुकी हैं पर उनके ज़माने के प्रशंसकों को उनकी हिट फिल्में आज भी याद हैं और लगता है जैसे की सब कुछ अभी कल की ही बात हो।
आशा जी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वो बचपन में किताबों में ही डूबी रहती थीं, इसलिए दूसरी हीरोइन्स के मुकाबले उनकी कमर थोड़ी भारी दिखती थी पर एक फिल्म में उन्होंने मॉडर्न ड्रेस सही तरीके से पहनने के लिए 15 किलो तक वजन कम कर लिया था। उस ज़माने में आजकल की सुविधाओं और डाइट प्लान्स के बिना ऐसा करना एक बड़ी बात थी।
फिल्मों में शुरुआत और करियर (Asha Parikh Movies)
आशा जी का सपना डॉक्टर बनने का था पर उनको डाँस का भी बहुत शौक था। उनके इस शौक को पूरा करने के लिए, उनके पिताजी ने उनको पंडित बंसीलाल भारती से शास्त्रीय नृत्य कला की ट्रेनिंग दिलाई। छोटी उम्र से वो स्टेज शो करने लगीं थीं जहाँ मशहूर डायरेक्टर बिमल रॉय की नज़र उन पर पड़ी और उन्होंने 10 साल की आशा को फिल्म में पहला ब्रेक दिया। लेकिन वो फिल्म नहीं चली और आशा जी वापस पढाई में व्यस्त हो गयीं।
उन्हें फिर से 16 साल की कमसिन उम्र में फिल्म ‘गूँज उठी शहनाई’ में लेने की बात चली पर निर्देशक विजय भट्ट ने रिजेक्ट कर दिया। शायद उनके लिए ठीक ही हुआ क्योंकि वैसे तो ‘गूँज उठी शहनाई’ ठीक-ठाक सफल मानी गयी थी पर उसके तुरंत बाद ही उनकी जिस फिल्म से शुरुआत हुई, वो थी 1959 में रिलीज़ हुई रॉकिंग स्टार शम्मी कपूर के साथ डायरेक्टर नासिर हुसैन की फिल्म ‘दिल देके देखो’, जिसने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया।
नासिर हुसैन साहब के निर्देशन में उनकी 6 फिल्में आयीं और हिट भी रहीं जिससे उनके साथ उनकी एक स्पेशल बॉन्डिंग बन गयी। शम्मी कपूर के साथ भी एक खास बॉन्डिंग बनी और उनके साथ की गयी कुछ और फिल्में विशेषकर म्यूजिकल थ्रिलर ‘तीसरी मंज़िल’ ने उनकी जोड़ी को सुपरहिट बना दिया।
उन्होंने ग्लैमरस, सीरियस और ड्रामैटिक सभी तरह के रोल्स किए। राजेश खन्ना के साथ शक्ति सामंत निर्देशित फिल्म ‘कटी पतंग’ बहुत स्पेशल रही जिसने उन्हें फिल्मफेयर का बैस्ट ऐक्ट्रैस अवॉर्ड दिलवाया। उन्होंने धर्मेंद्र और दारा सिंह के साथ पंजाबी फिल्में भी कीं और एक हिट कन्नड़ फिल्म भी करी।
फिल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान के लिए उनको फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिला। उन्होंने सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर भी बिना तनख्वाह के अपनी सेवायें दीं। 1992 में भारत सरकार ने सिनेमा में उनके योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया।
आशा पारेख जी के जीवन के कुछ दिलचस्प किस्से
आशा पारेख जी ज़िंदगी भर अविवाहित ही रहीं। उन्होंने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘द हिट गर्ल’ में कुछ दिलचस्प बातें साझा करीं। हीरो के तौर पर पहली फिल्म से साथ रहे शम्मी कपूर उनके फेवरेट एक्टर थे। उन्होंने आशा जी को बहुत सिखाया और मदद की, इसीलिए वो शम्मी जी और उनकी पत्नी गीता बाली को प्यार और आदर से चाचा चाची कहतीं थीं।
इसके अलावा, अपनी किताब में उन्होंने स्वीकार किया कि माता-पिता के देहांत के बाद वो बहुत अकेली पड़ गयीं थीं और आत्म-हत्या करना चाहती थीं। उन्हें अपने फ्रेंड, फिलॉसफर [philosopher] और गाइड नासिर हुसैन से इमोशनल और मेन्टल सपोर्ट मिला तो उनके साथ वो रोमांटिकली भी जुड़ गयीं।
लेकिन चूँकि वो शादी-शुदा थे, उन्होंने उनसे शादी नहीं की क्योंकि वो एक बसा बसाया घर बर्बाद नहीं करना चाहती थीं। उन्होंने एक बच्चा भी गोद लेना चाहा पर चूँकि उस बच्चे को बीमारियाँ थीं, इसलिए डॉक्टरों ने इसकी अनुमति देने से मना कर दिया।
आशा जी अब अपनी डाँस ऐकडमी कारा भवन और उनके ही नाम पर मुंबई में बने हॉस्पिटल को चलाने में व्यस्त रहती हैं। उनका बीते ज़माने की अभिनेत्रियों शम्मी, वहीदा रहमान और हेलेन के साथ गर्ल गैंग बना, जिन्हें अक्सर पार्टियों में साथ देखा जाता था, जिसमें से निम्मी जी अब हमारे बीच नहीं हैं।
हाल ही में अंडमान में उनकी वहीदा रहमान और हेलेन के साथ छुट्टियाँ मनाते हुए फोटोज़ बहुत वायरल हुईं थीं, जिसने आशा पारेख जी को बहुत अपसेट किया था क्योंकि वो अपनी लाइफ को प्राइवेट रखना चाहती हैं।