दोस्तों चंद्र ग्रहण की विशेष धार्मिक मान्यता होती है। इस वर्ष यानी 2023 के अप्रैल महीने में पहला सूर्य ग्रहण लगेगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वर्ष 2023 का पहला चंद्र ग्रहण कौनसे दिन लगने वाला है? विश्व भर में चंद्र ग्रहण को लेकर कई प्रकार की अलग-अलग मान्यताएं हैं।
ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है। ज्योतिषी लोग कुंडली देखते समय चंद्रमा की स्थिति को सबसे पहले देखते हैं। वैदिक शास्त्र में चन्द्रमा को मन का कारक कहा गया है। कहते हैं कि चन्द्रमा की अनुकूलता की वजह से से व्यक्ति का स्वभाव शांत और रचनात्मक बनता है।
अगर किसी वजह से चंद्रमा कुंडली मे प्रतिकूल हो जाए तो मनुष्य का जीवन अशांत होते देर नहीं लगती है। उसके जीवन मे कई प्रकार के उतार चढ़ाव देखने को मिलने लगते है । इस बार चंद्रग्रहण के समय चंद्रमा हमारे अनुकूल रहेगा या प्रतिकूल, यह काफी कुछ चंद्र ग्रहण की स्थिति पर भी निर्भर करता है।
2023 में कितने ग्रहण पड़ेंगे
इस वर्ष, यानी 2023 मे कुल मिलाकर 4 ग्रहण लगने वाले हैं जिनमें 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण होंगे। हमारे सनातन धर्म मे ग्रहण की विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यता होती है। मान्यताओं के आधार पर जिन स्थानों से चंद्र ग्रहण को देखा जा सकता है उन स्थानों पर सूतक काल लग जाता है।
सूतक क्या होता है
सूतक काल का अर्थ है वह समय जिसमें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखा जाता है जिससे जातक पर ग्रहण का कुछ भी नकारात्मक प्रभाव ना पड़े। आइए अब जानते हैं कि साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण कब लगेगा, क्या इसे भारत मे भी देखा जा सकेगा या नहीं और इस चंद्र ग्रहण में सूतक काल मान्य है या नहीं।
चंद्रग्रहण कब लग रहा है
इस साल का पहला चंद्र ग्रहण आने वाली 5 मई को लगेगा। इस दिन शुक्रवार पड़ रहा है और इस दिन वैशाख पूर्णिमा है जिसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं।
चंद्रग्रहण कितने बजे से कितने बजे तक है
चंद्र ग्रहण के सटीक समय की बात करें तो यह 5 मई की रात 8 बजकर 45 मिनट पर लगेगा और रात 1 बजे के करीब चंद्रमा से ग्रहण हट जाएगा। इस चंद्र ग्रहण का कुल समय 4 घंटे और 15 मिनट बताया जा रहा है। यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने वाला है।
भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई देगा या नहीं
वैज्ञानिकों कि माने तो इस चंद्र ग्रहण को हिंद महासागर, अंटार्कटिका, अटलांटिक, एशिया के कुछ हिस्सों, दक्षिण और पश्चिमी यूरोप तथा अफ्रीका और प्रशांत महासागर से देखा जा सकता है। इसके अलावा, सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि भारत से इस चंद्र ग्रहण को नहीं देखा जा सकता है।
चंद्र ग्रहण का सूतक काल कब है?
इस बार यानी वर्ष 2023 मे चंद्र ग्रहण पर सूतक काल लगेगा या नहीं यह एक बड़ा सवाल है, क्योंकि सूतक काल का प्रभाव वहाँ मान्य होता है जहाँ से चंद्र ग्रहण दिखाई देता है । इस साल 5 मई को लगने वाले चंद्र ग्रहण को चूंकि भारत से नहीं देखा जा सकेगा इसलिए भारतवर्ष मे, इस साल 5 मई को लगने वाले चंद्र ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा क्योंकि यह ग्रहण भारत से नहीं देखा जा सकेगा।
चंद्रग्रहण में क्या नहीं करना चाहिए
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण लगने पर राहू और केतु का साया 12 राशियों पर मंडराने लगता है जिसके चलते सूतक काल का पालन करना पड़ता है। इसके साथ ही, सूतक काल में मंदिर और धार्मिक स्थानों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इस समय में भोजन करने, सोने और कपड़े सिलने जैसे कई कार्यों की मनाही होती है। हालांकि, सूतक काल नहीं लग रहा है तो जातकों पर ग्रहण का कुछ विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा।
दूसरा चंद्र ग्रहण कितने तारीख को है?
साल 2023 का दूसरा चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर के दिन लगने वाला है। यह चंद्र ग्रहण साल 2023 का आखिरी ग्रहण होगा। इस ग्रहण को यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी अमेरिका और अफ्रीका से भी देखा जा सकता है।
तो आइए अब जान लेते है कि चंद्र ग्रहण का सभी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा
चंद्र ग्रहण का मेष राशि पर प्रभाव
साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण मेष राशि वाले जातकों के लिए शुभ नहीं रहने वाला है । इस दौरान मेष राशि के जातकों को कार्यों में अड़चनें आ सकती हैंI बाधाएं आने से मेष राशि वालों का मन अशांत रहेगाI भविष्य को लेकर परेशान रहेंगेI ऐसे में आपको संभल कर निर्णय लेने की जरूरत हैI
चंद्र ग्रहण का वृष राशि पर प्रभाव
वर्ष 2023 का पहला चंद्र ग्रहण वृषभ राशि के जातकों के दांपत्य जीवन पर अपना प्रतिकूल प्रभाव डालेगा । वृषभ राशि वालों का अपने जीवन साथी के साथ वाद विवाद हो सकता है। ये विवाद पैसों से संबंधित भी हो सकता है या विवाहेतर संबंधों से संबंधित या कोई अन्य कारण भी हो सकता है । इन सब समस्याओं कि वजह से आपका ध्यान भविष्य की योजनाओं से भटक सकता है अतः संभल कर चलने की आवश्यकता है।
चंद्र ग्रहण का मिथुन राशि पर प्रभाव
मिथुन राशि वाले जातकों के लिए साल का यह पहला चंद्र ग्रहण सामान्य तौर पर शुभ रहेगा। मिथुन राशि वाले लोग जिन भावनात्मक मुद्दों से जूझ रहे हैं, वे जल्द ही सुलझते हुए दिखाई देंगे उन्हे । जैसी परिस्थितियाँ बन रही है, उसके अनुसार आपके लिए बेहतर यही रहेगा कि वाद विवाद होने पर आप रिश्ता तोड़ने की बजाय बैठ कर बात करें, उसे समझने कि कोशिश करें, इससे आपकी समस्याएं दूर होंगी।
चंद्र ग्रहण का कर्क राशि पर प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण कर्क राशि वाले जातकों की सेहत पर थोड़ा बुरा प्रभाव डाल सकता है। कर्क राशि वालों की सेहत पर इसका प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलेगा। आपको कब्ज, अपच, एसिडिटी या डीहाइड्रैशन से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं । कर्क राशि वाले जातकों को अपनी सुख सुविधाओं में कमी का एहसास होगा। आपको अपने खान-पान पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।
चंद्र ग्रहण का सिंह राशि पर प्रभाव
सिंह राशि वाले जातकों के लिए साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण शुभ रहने वाला है। सिंह राशि वालों को आने वाले समय में कोई बड़ी खुशखबरी प्राप्त हो सकती है, लेकिन इस दौरान सिंह राशि वालों को किसी नए प्रोजेक्ट से नहीं जुड़ना चाहिए, अन्यथा फायदे कि बजाय नुकसान उठाना पड़ सकता है ।
चंद्र ग्रहण का कन्या राशि पर प्रभाव
चंद्र ग्रहण के दौरान कन्या राशि वाले जातकों को सलाह दी जाती है, कि यदि वह अपना अहंकार त्याग कर दूसरों का साथ लें तो वे बड़े से बड़े काम को भी आसानी से कर सकते हैं। आप बड़े टारगेट के चलते खुद के लिए समय नहीं निकाल पाएंगे। इस दौरान आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। अगर आप अपना स्वास्थ्य ठीक रखना चाहते हैं तो बाहर का खाना बिल्कुल मत खाएं, अधिक से अधिक घर का बना खाना ही खहाने कि कोशिश करें ।
चंद्र ग्रहण का तुला राशि पर प्रभाव
तुला राशि वाले जातकों के लिए साल का पहला चंद्र ग्रहण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं लेकर आ सकता है। आपको, दरअसल अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। परिवार में किसी तरह कि अशांति से आपका मन परेशान रहेगा। बेहतर होगा कि आप अपने जीवनसाथी का और अपना ध्यान रखें। धन संबंधी विषयों मे उतार चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं । अपने आपको किसी भी असहज स्थिति मे डालने से बचें अन्यथा छोटी से बात विकराल रूप ले सकती है । अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें ।
चंद्र ग्रहण का वृश्चिक राशि पर प्रभाव
वृश्चिक राशि वाले जातकों के लिए 5 मई 2023 को लगने वाला चंद्र ग्रहण सुखद रहेगाI वृश्चिक राशि वाले अपने जीवनसाथी को लेकर थोड़ा मुखर होंगेI इस राशि के जातकों को इस दौरान कोई बड़ा सरप्राइज मिल सकता हैI हाँलाकी ग्रहण के प्रभाव के कारण आपकी मानसिक चिंताएं बनी रहेंगी, लेकिन भविष्य में निःसंदेह खुशियां प्राप्त होगीI
चंद्र ग्रहण का धनु राशि पर प्रभाव
वर्ष के पहले चंद्र ग्रहण के दौरान धनु राशि वालों की जोखिम लेने की इच्छाओं को बल मिलेगा। लेकिन आपको ध्यान रखना होगा कि जोखिम लेने की आदत के कारण आप गलत निर्णय ले सकते हैं। ध्यान रखें, 5 मई 2023 को पड़ने वाला, साल का ये पहला चंद्रग्रहण आपके लिए शुभ फलों को ले कर नहीं आएगा । इसलिए इस दौरान खुद को शांत रखें और भविष्य का विचार करें।
चंद्र ग्रहण का मकर राशि पर प्रभाव
मकर राशि वाले जातकों के लिए ये चंद्रग्रहण थोड़ा विचित्र परिणाम ला सकता है । आपका सामना, रहस्यमय शक्तियों से हो सकता है । कुछ विचित्र किन्तु रहस्यमय अनुभव भी हो सकते हैं, जो कि जीवन परिवर्तित करने वाले भी हो सकते है । लेकिन ध्यान रखें दुस्साहस से काम बिगड़ सकता है ।
चंद्र ग्रहण के दौरान मकर राशि वालों को अपने अतीत को सुधारने का मौका मिलेगा। आपके लिए बेहतर रहेगा कि बेवजह के विवादों में उलझने से बचें। भगवान से अतीत में किए गए अपने कर्मों के लिए माफी मांगे, आने वाला समय आपके लिए सुखद रहेगा।
चंद्र ग्रहण का कुम्भ राशि पर प्रभाव
अब बात करते हैं कुम्भ राशि वाले जातकों की। कुंभ राशि वाले जातकों के लिए इस साल का पहला चंद्र ग्रहण शुभ रहने वाला है, कुंभ राशि वालों को उनके कार्य क्षेत्र में सफलता मिलेगी । अगर आप नौकरी पेश हैं तो अधिकारी वर्ग आपसे प्रसन्न रहेगा। आपके काम कि गुणवत्ता मे सुधार होगा और इसके शुभ परिणाम भी जल्दी ही आपको दिखायी देंगे ।
कुम्भ राशि के विद्यार्थियों के लिए भी ये ग्रहण शुभ परिणाम ले कर आएगा । यदि आपने नौकरी के सिलसिले में कहीं इंटरव्यू दिया है, तो आपका चयन हो सकता है। चंद्र ग्रहण के प्रभाव से आपको भाग्य का साथ मिलेगा और आपको ऐसी सफलताएं भी मिल सकती हैं जिनका आपने सिर्फ अनुमान लगाया होगा । कुम्भ राशि वाले व्यापारी वर्ग को भी कई लाभ के अवसर प्राप्त होंगे।
चंद्र ग्रहण का मीन राशि पर प्रभाव
मीन राशि वाले जातकों के लिए भी साल का पहला चंद्र ग्रहण शुभ रहने वाला है। मीन राशि वाले जातको का अपने परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा। करियर में तरक्की मिलेगी पार्टनरशिप में कुछ नया शुरू कर सकते हैं, जो लाभ देगा। व्यापार या नौकरी के सिलसिले मे लंबी दूरी की यात्रा हो सकती है, जो शुभ फल प्रदान करने वाली होगी।
इन सभी के साथ चंद्रग्रहण के समय और भी बहुत सी बाते हमारे लिए जानना जरुरी हो जाता है। जैसे आइए जानते हैं कि
चंद्र ग्रहण कैसे लगता है?
सूर्य के चारों तरफ पृथ्वी घूमती है और चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है। इस प्रक्रिया में एक ऐसा समय आता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य, तीनों एक ही सीध में आ जाते हैं और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है लेकिन चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता है। इस घटना को खगोलीय घटना के रूप में चंद्रग्रहण कहा जाता है।
चंद्र ग्रहण केवल पूर्णिमा पर ही क्यों होते हैं?
हिंदू पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा तिथि पर ही होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर एक माह में पूर्णिमा तिथि जरूर आती है लेकिन हर पूर्णिमा पर ग्रहण लगे ऐसा संभव नहीं होता। दरअसल चंद्रमा पृथ्वी की कक्षा पर करीब 5 डिग्री तक झुका रहता है।
इस झुकाव के कारण हर बार चंद्रमा पृथ्वी की छाया में होकर नहीं गुजरता है। जिसके कारण ज्यादातर मौके पर चंद्रमा पृथ्वी के ऊपर या नीचे से निकल जाता है। इस कारण से हर पूर्णिमा की तिथि चंद्र ग्रहण की घटना नहीं होती है, लेकिन जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है तो उस दिन पूर्णिमा होती है और सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा तीनों एक सीध में आ जाते हैं। इस कारण से पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण संभव होता है।
प्रत्येक अमावस्या को सूर्य ग्रहण क्यों नहीं होता है?
वहीं अमावस्या तिथि पर ही सूर्य ग्रहण लगता है। दरअसल चंद्रमा पृथ्वी के चक्कर काटता है और एक चक्कर काटने में 27 दिन लगते हैं। जब पृथ्वी और सूर्य के मध्य में चंद्रमा आ जाता है तो इस घटना को सूर्य ग्रहण कहते है। अमावस्या तिथि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है इस कारण से अमावस्या तिथि पर ही हमेशा सूर्य ग्रहण होता है।
इसी के साथ आज इस लेखनी को विराम देते हैं और इतनी ही आशा करते है की इस लेख की जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। और अगर अच्छी लगी हो तो इस जानकारी को सोशल मीडिया पर अधिक से अधिक शेयर करिएगा ।