तुलसी घर की सुख समृद्धि के लिए बहुत शुभ मानी जाती है लेकिन तब क्या हो जब इसी तुलसी के कारण ही घर में अनर्थ हो जाए और घर का सब सुख वैभव एक चुटकी में चला जाए? जी हां, आप सही सुन रहे हैं लेकिन ऐसा तुलसी माता के कारण नहीं बल्कि आपकी कुछ गलतियों के कारण हो जाएगा और बेचारी तुलसी माता पर सब दोष आएगा।
नमस्कार दोस्तों, आज के इस लेख में हम इसी विषय पर ही बात करने वाले हैं और आपको यह सूचित करने वाले हैं कि आपको तुलसी माता के साथ क्या कुछ गलती नहीं करनी चाहिए जिससे यह सब दोष आपके सिर पर ना लगे। तो दोस्तों, तुलसी माता हम सभी को प्रिय होती है और धार्मिक अनुष्ठान व पूजा में भी इसका बहुत उपयोग किया जाता है ।
किंतु तुलसी को बनाए रखने के लिए या उसे बढाने के लिए उन्हें जल देने की जरुरत होती है। किंतु तब क्या हो जब आपके द्वारा दिया गया जल ही उनके लिए प्राणघातक बन जाए और उसका पाप आपको लगे। जी हां, जाने अनजाने में ही सही लेकिन बहुत लोग ये गलती कर बैठते हैं और ऐसा जल तुलसी माता को चढ़ा देते हैं जो हमें या तो चढ़ाना ही नहीं चाहिए या फिर उसे उनसे दूर ही रखना चाहिए।
घर मे कोई भी शुभ कार्य नहीं हो पाएगा
अब यदि आप भी ऐसी ही गलतियाँ कर रहे हैं तो अवश्य ही आपके घर में ना तो कोई शुभ काम हो पाएगा और आर्थिक नुकसान होगा वो अलग। लगातार ये गलती किए जाने से आपका घर कंगाल तक हो सकता है और घोर गरीबी तक आ सकती है। इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़िएगा और जनिएगा कि आपको तुलसी माता में कौन सा जल नहीं चढ़ाना चाहिए जिससे कि इन सब परेशानियों से बचा जा सके।
हम बहुत बार पूजा घर में भगवान को जो जल चढाते हैं या उन्हें इसका भोग लगाते हैं और उसी जल को ही तुलसी के पौधे में डाल देते हैं जो कि सही भी है। अब इसी जल में जो जल भगवान विष्णु को चढ़ाया गया है, उस जल को तो तुलसी माता को चढ़ाना बहुत ही अच्छा माना जाता है।
इसी तरह भगवान विष्णु की पूजा में भी तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल प्रमुखता के साथ किया जाता है क्योंकि उन्हें तुलसी माता बहुत प्रिय है। तो आप लगभग सभी भगवान की पूजा में माता तुलसी का इस्तेमाल करते होंगे लेकिन एक भगवान को छोड़ कर।
अब उन्हें भगवान कहें या भक्त, बात तो एक ही है और उनका नाम है वीर हनुमान। अब क्या आपने कभी भगवान हनुमान की पूजा में तुलसी माता का उपयोग किया है? नहीं ना, लेकिन क्यों? आपका उत्तर होगा कि ऐसा बड़ों ने कहा है या शास्त्रों में लिखा गया है कि हनुमान जी की पूजा में कभी भी तुलसी का इस्तेमाल नहीं हो सकता है।
हनुमान जी को तुलसी क्यों नहीं चढ़ाई जाती?
अब ऐसा इसलिए है क्योंकि हनुमान जी तो ठहरे ब्रह्मचारी और माता तुलसी है विवाहित स्त्री। तो ऐसे में भगवान हनुमान जी को यह कदापि पसंद नहीं है कि उनकी पूजा में माता तुलसी का इस्तेमाल किया जाए। अरे भगवान हनुमान जी तो ऐसे थे कि उन्होंने माता सीता के भी सदैव चरणों को ही देखा और वहीं रहे।
तो जब भगवान हनुमान की पूजा में तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ सकते तो जो जल हनुमान जी को चढ़ाया गया है या उन्हें भोग लगाया गया है, उस जल को यदि आप तुलसी के पौधे में डाल देंगे तो ना केवल तुलसी माता आपसे रुष्ट हो जाएगी बल्कि भगवान हनुमान भी आपसे बहुत क्रोधित होंगे।
हम अनजाने में ही सही लेकिन ये गलती कर बैठते हैं और फिर उसका पाप हमारे सिर चढ़ता है। अब इसकी वजह से कितनी परेशानियाँ हमारे सिर पर आ जाती है और हमें यही नहीं पता होता कि आखिरकार इतनी सब मुसीबतें आ क्यों रही है।
अब जो हमारे संकटों को हरने का काम करते हैं हम उन्हें ही नाराज़ कर देंगे तो संकट हरना तो दूर की बात, वे तो हमारे ऊपर और संकट ले आएंगे। इसलिए आगे से जो जल हनुमान जी को चढ़ाया गया हो या उन्हें भोग लगाया गया हो या जिस जल में हनुमान जी के लगा हुआ सिंदूर लगा हो या उन्हें स्पर्श किया हो तो उस जल को कभी भी तुलसी के पौधे में नहीं डालना चाहिए।
क्या पीरियड्स में तुलसी को पानी दे सकते हैं?
अब इसी क्रम में आपको एक दूसरी बात याद रखने की जरुरत है और वह जल से नहीं बल्कि महिला से जुड़ी हुई है। आपने यह भी सुना होगा या देखा होगा कि जिस महिला को माहवारी आई हुई होती है, जो कि एक सामान्य प्रक्रिया है, उस समय उसे भगवान के मंदिर या पूजा घर में जाना या ईश्वर की मूर्तियों को छूना वर्जित होता है।
तो जो महिला माहवारी के समय मंदिर में नहीं जा सकती, वह कैसे ही किसी तुलसी के पौधे में जल चढ़ा सकती है। अब तुलसी भी तो वन्दनीय होती है और उसे हमने माता का दर्जा दिया हुआ है जो भगवान विष्णु को अत्यधिक प्रिय है।अब इन्ही तुलसी माता में माहवारी से ग्रस्त स्त्री जल चढ़ा देगी तो घर में घोर अशांति आ सकती है और पूरे घर में कंगाली आने का खतरा मंडरा सकता है।
इतना ही नहीं इस गलत कार्य के कारण वह तुलसी सूख तक सकती है और उससे भगवान विष्णु क्रोधित हो सकते हैं। इसलिए चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन माहवारी से ग्रस्त महिला कभी भी तुलसी के पौधे में जल डालना तो दूर उसकी पूजा भी ना करे और ना ही उसके पास जाए।
जब माहवारी समाप्त हो जाए तो उस महिला को स्नान कर और अपने केश अच्छे से धोकर ही तुलसी की अच्छे से पूजा करनी चाहिए और उसमें जल देना चाहिए। एक गलती और है जो हम लोग करते हैं और ऐसी गलती ज्यादातर ऐसे लोग कर बैठते हैं जो अपने घर परिवार से दूर रहते हैं या जिनके घर में कोई बड़ा नहीं होता है।
क्या शाम को तुलसी में जल देना चाहिए
वह गलती है तुलसी को दिन ढलने के बाद पानी देना। बहुत से लोग सोचते हैं कि जल देना तो एक सामान्य प्रक्रिया है और यह कभी भी दिया जा सकता है तो इसमें क्या ही सोचना। तो आप ही बताएं जब आप सो रहे हो और कोई आपके ऊपर पानी डाल दे तो आपको कैसा लगेगा? आप कहेंगे कि आपको बहुत गुस्सा आएगा और आप उस गुस्से में उस व्यक्ति के साथ झगड़ा तक कर सकते हैं।
तो वही बात इसमें अप्लाई होती है। अब दिन ढलने के बाद माता तुलसी तो क्या सभी पेड़ पौधे सो जाते हैं और सूरज भी छिप जाता है। ऐसे में यदि आप तुलसी माता को पानी देते हैं तो अवश्य ही इसके गंभीर परिणाम आपको भुगतने पड़ सकते हैं जिसकी भरपाई चाह कर भी नहीं हो पायेगी।
इससे घर में गरीबी आ जाएगी और जो पैसा पड़ा है वह भी चला जाएगा। इसलिए अगर आपको तुलसी के पौधे में जल देना ही है तो उसे सुबह के समय दें या फिर ज्यादा से ज्यादा दोपहर को दे दें लेकिन दिन ढलने के बाद कभी भी तुलसी के पौधे में पानी ना दे।
तो दोस्तों कैसा लगा आपको यह जान कर कि तुलसी के पौधे में गलत तरीके से पानी देना आपके लिए कितना भारी पड़ सकता है। तुलसी को घर में सुख समृद्धि लाने के लिए रखा जाता है लेकिन आपका यह छोटी छोटी गलतियाँ कब अच्छे का बुरा कर दे, कह नहीं सकते। इसलिए आप समय रहते इसका ध्यान रख लेंगे तो बहुत सही रहेगा अन्यथा आपको ही आगे चल कर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।