हम जानते हैं कि जहाँ विज्ञान कल्याणकारी है वहीं दूसरी तरफ विनाशकारी भी है। इतिहास साक्षी है कि राजा-महाराजाओं ने अपने-अपने समय में अपनी लड़ाकू शक्ति को बढ़ाने के लिये तरह-तरह के हथियारों और अपनी तिलस्मी पावर का विकास किया। वह परंपरा रुकी नहीं बल्कि उसमें तेजी के साथ विकास हुआ।
आज के युग में विश्व के बहुत सारे देश अपना बहुत सा धन ऐसे-ऐसे हथियारों को बनाने में खर्च कर रहे हैं कि जिससे इस धरती पर मानव जीवन का नामोनिशान तक मिट सकता है। अमेरिका ही नहीं ऐसे अनेक देश है जिन्होंने ऐसे विनाशकारी हथियारों का विकास कर लिया है जो इस धरती पर तबाही मचा सकता है।
क्या आप जानते हैं कि वह कौन सा हथियार है जो पूरे विश्व में सबसे अधिक खतरनाक है? दुनिया भर में मौत का तांडव मचाने वाले उस हथियार का नाम है हाइड्रोजन बम। जो धरती पर से मानव सभ्यता को समाप्त कर सकता है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस हथियार का परीक्षण अमेरिका ने वर्ष 1952 में ही कर लिया था।
इसके बाद तो संसार के अन्य देशों में हाइड्रोजन बम बनाने की होड़ सी लग गई। अमेरिका देश की नकल करते हुए अन्य देशों ने भी अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत बनाने के लिए हर संभव प्रयास किये है। ब्रिटेन ने भी 15 मई 1957 को इस खतरनाक हाइड्रोजन बम का निर्माण कर लिया।
उसके बाद कई अन्य देशों ने भी इस विध्वंसकारी हथियार को बना लिया है। अब इसी बात का डर है कि यदि इस धरती पर तीसरा विश्व युध्द हुआ तो निश्चित रूप से इस हाइड्रोजन बम का चलना तय हैं। जिसके बाद इस धरती को कोई नहीं बचा पायेगा।
क्या है हाइड्रोजन बम?
वर्ष 1952 में हाइड्रोजन बम का आविष्कार Enrico Fermi ने किया था। हाइड्रोजन बम दरअसल परमाणुओं के आइसोटोप्स के आपस में मिलने के सिद्धांत पर कार्य करता है। यह वह बम है जिसके फटने पर धधकते हुये सूर्य ग्रह की तरह विशाल आग के शोलों सें जला कर राख करने वाले विनाशकारी प्रभाव उत्पन्न हो जाते हैं। जिससे की लाखों की संख्या में मानव जिंदगी पलक झपकते ही नष्ट हो सकती है।
जिस धरती पर इस हथियार को चलाया जायेगा वहाँ सैकड़ों सालों तक मानव जीवन पनप नहीं पायेगा। इस बम के फटने पर होने वाला धमाका इतना शक्तिशाली होता है कि जिसके प्रभाव से इंसान कई किलोमीटर दूर तक उछलकर गिर सकता है। हाइड्रोजन बम को आधुनिक युग का विशालकाय दैत्य कहा जाना चाहिये जो पृथ्वी के जीवन को बड़े आसानी से लील सकता है। जिसकी कल्पना मात्र ही भयावह है।
कौन से देशों ने हाइड्रोजन बम बना लिया है?
अमेरिका द्वारा वर्ष 1952 में हाइड्रोजन बम का आविष्कार कर लिया गया था। इसके बाद अब तक बहुत सारे देशों ने इस विध्वंसकारी बम का निर्माण कर लिया है। जिसमें ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस, भारत, पाकिस्तान और इजराइल आदि प्रमुख हैं।
अनेक देश जो अभी तक इस खौफनाक हथियार का निर्माण नहीं कर पायें हैं। वह देश भी इस बम को बनाने की फ़िराक़ में लगे हुये हैं। कुछ ऐसे देश जो इस अत्यंत खर्चीले हथियार को बनाने में सक्षम नहीं हैं। लेकिन फिर भी अपने विकास कार्यों के धन से इस हथियार को विकसित करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
युध्द में अभी तक नहीं किया गया है हाइड्रोजन बम का उपयोग
यह अच्छी बात है कि अभी तक इस खतरनाक हथियार का किसी भी देश ने इस्तेमाल नहीं किया है। क्योंकि सभी देश जानते हैं कि इस बम के इस्तेमाल करते ही पृथ्वी विनाश के तांडव से थर्रा उठेगी। आपको एक डरावने सच से परिचित करा दें कि यह हाइड्रोजन बम एक परमाणु बम से हजारों गुना अधिक शक्तिशाली है।
युद्ध में कब हुआ परमाणु बम का इस्तेमाल
परमाणु बम का इस्तेमाल 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा शहर पर किया था। जहाँ इस परमाणु बम के विध्वंसकारी प्रभाव से 140000 इंसानो की लाशें बिछ गयीं थीं और 70 से अधिक शहर की जगहों के नामों निशान मिट गये।
वहाँ की हवाओं में आज भी इस परमाणु बम का जहर घुला हुआ है। अब इस परमाणु बम से 1000 गुना अधिक शक्तिशाली हथियार इस हाइड्रोजन बम का यदि इस्तेमाल किया जाता है तो धरती पर तबाही मचना निश्चित है।