मकान को घर बनाने के लिए हमें उस में पॉजिटिव ऊर्जा लानी होती है और ऐसा होता है सही ऊर्जा के संचार से। वास्तु शास्त्र की मानें तो हर एक मकान में एक ऊर्जा होती है और जब व्यक्ति उसमें रहता है तो उस पर इन ऊर्जाओं का असर पड़ता है।
इसीलिए, नए मकान में जाने से पहले या जिस मकान में हम पहले से रह रहे हैं उसकी वास्तु का ज्ञान हमें होना चाहिए। वास्तु मनुष्य की कई समस्याओं का समाधान देता है और मनुष्य के जीवन में अच्छी ऊर्जा का संचार करता है।
घर के लिए वास्तु टिप्स
हम इंसानों पर अपने आस-पास की हर चीज़ का एक सही या ग़लत प्रभाव पड़ता है। आइए, अब हम जानें कि क्या-क्या चीज़ें घर में लगाना या रखना शुभ होता है।
घर के मेन गेट पर क्या लगाना चाहिए?
वास्तु के अनुसार, हमारे घर का मुख्य द्वार ना केवल घर के अंदर जाने का रास्ता है बल्कि वही रास्ता ऊर्जा का भी होता है, इसीलिए मुख्य द्वार हमेशा पॉजिटिव दिशाओं की तरफ होना चाहिए। यदि मुख्य द्वार घर के उत्तर, उत्तर-पूर्व, पूर्व, दक्षिण-पूर्व का दक्षिणी हिस्सा, उत्तर-पश्चिम का पश्चिमी हिस्सा है तो वह अति उत्तम होगा।
मुख्य दरवाजा अन्य दरवाजों के मुकाबले भव्य और सुंदर होना चाहिए, साथ ही उस जगह पर भरपूर रोशनी भी होनी चाहिए। मुख्य द्वार के बाहर शू रैक या डस्टबिन नहीं होना चाहिए। मुख्य दरवाजे के बाहर कोई पानी का झरना या अन्य पानी का स्त्रोत भी ना रखें।
बेडरूम में क्या क्या नहीं रखना चाहिए
आपका शयनकक्ष यानी बैडरूम आपके आराम करने की जगह है और इस पर विशेष ध्यान देना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि आप अपने जीवन का लगभग एक तिहाई हिस्सा अपने बैडरूम में ही गुज़ारते हैं। इसलिए, आप अपने बैडरूम में क्या रखें और क्या ना रखें, आइए इस पर एक नज़र डालते हैं।
- आप कभी भी ऐसे चित्र अपने शयनकक्ष में ना रखें जिसमें युद्ध या लड़ाई का चित्र हो चाहे वह भगवान का ही क्यों ना हो। किसी भी तरह की आक्रामकता वाला चित्र घर के सदस्यों के मन को आक्रामक बनाने की ओर ले जा सकता है और इस से घर पर अशांति होती है। इसकी बजाय आप अपनी किसी उपलब्धि या अवॉर्ड हासिल करने की फोटो वहाँ लगा सकते हैं।
- आपके बिस्तर के सामने शीशा या ड्रेसिंग टेबल नहीं होना चाहिए जिस से सोते समय आप की इमेज शीशे पर पड़े, क्योंकि ऐसा करने पर घर के सदस्यों के बीच में तनाव रहता है। यदि आपको मज़बूरी में ऐसा करना भी पड़े तो कोशिश करें कि उस शीशे में आपका बैड न दिखाई पड़े।
- आप बैडरूम की दीवार पर कोई सुंदर सी डेकोरेटिव डिज़ाइन, क्राफ्टवर्क, इत्यादि बना सकते हैं जो आपके मन पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
- आप बैडरूम में किसी संत या भगवान की भी तस्वीर ना रखें क्योंकि बैडरूम में कई बार कुछ खाना-पीना, सोना या पति-पत्नी के बीच अंतरंग क्षण हों ही जाते हैं, ये सारी चीज़ें संतों या किसी देवता की तस्वीर के सामने करने पर उनका अनादर होगा।
वास्तु के हिसाब से घर में कौन सी चीज कहां होनी चाहिए?
घर की साज-सज्जा और रख-रखाव से वहां पर रहने वाले व्यक्तियों के स्वभाव के बारे में पता चलता है। यदि घर में साफ़-सफाई है और सभी सामान वास्तु के अनुसार रखे गए हैं, तो वहां पर रहने वाले व्यक्तियों का जीवन अति सरल और उत्साह पूर्ण हो जाता है। वास्तु घर के सभी सदस्यों के जीवन में सफलता हासिल करने में बहुत प्रभाव डालता है, इसलिए कौन सी चीज़ किस दिशा में रखी जानी चाहिए, इस पर भी एक नज़र डालते हैं।
- उत्तर दिशा: वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा भगवान कुबेर की है और यहां का स्वामी ग्रह बुद्ध है। इस दिशा में कुबेर जी की मूर्ति या तस्वीर रखी जा सकती है परंतु उनकी पूजा नहीं करनी चाहिए। ये देखा गया है कि उत्तर दिशा में नीले रंग की कांच की बोतल में मनी प्लांट रखना अक्सर व्यवसाय में तरक्की कराता है। इस दिशा में चौड़ी पत्ती वाले पौधे भी रख सकते हैं परंतु इस दिशा में लाल और पीले रंग की कोई भी चीज़ बिल्कुल नहीं रखना चाहिए।
- उत्तर–पूर्व की दिशा : यह दिशा भगवान शिव की मानी जाती है, इस दिशा में घर का पूजा घर स्थापित किया जा सकता है। इस दिशा को बिल्कुल साफ सुथरा होना चाहिए। इस दिशा में पीने का पानी का स्त्रोत भी अच्छा माना जाता है।
- पूर्व दिशा: इस दिशा के स्वामी सूर्य देवता हैं। इस दिशा को खुला रखा जाना चाहिए, इसलिए अगर यहां खिड़की और दरवाजे हैं तो वह सबसे अच्छा होता है।
- दक्षिण–पूर्व की दिशा: इस दिशा को अग्नि का स्थान माना जाता है और शुक्र ग्रह इस दिशा का स्वामी है। यह दिशा रसोई घर बनाने के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है और यहां इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (इक्विपमेंट) भी रखने की जगह बना सकते हैं।
- दक्षिण दिशा: यह यम की दिशा है और मंगल ग्रह यहां का स्वामी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि घर का दक्षिणी हिस्सा भारी होना चाहिए। घर बनाते समय हमें ध्यान रखना चाहिए कि उत्तर और उत्तर-पूर्व की दिशा खुली और हल्की हो तथा दक्षिण की दिशा बंद और भारी हो।
- दक्षिण–पश्चिम की दिशा: इस दिशा के स्वामी राहु और केतु हैं। वास्तु के अनुसार यह दिशा ऊंची और भारी होनी चाहिए, इसलिए हम अपने घर के भारी सामान जैसे सोफा और बड़ी गोदरेज अलमारियां इस दिशा में रख सकते हैं। घर के मुखिया का शयनकक्ष इस दिशा में हो तो वो सबसे अच्छा रहेगा।
- पश्चिम दिशा: इस दिशा के स्वामी शनि देव हैं। रसोईघर और टॉयलेट के लिए यह दिशा अच्छी है परंतु आप यह ध्यान रखें कि रसोईघर और टॉयलेट दोनों अगल-बगल ना हों।
- उत्तर–पश्चिम दिशा: यह दिशा बेडरूम, गैराज और गौशाला बनाने के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है।
- इसी तरह अगर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की बात करें तो घर के पूर्वी, दक्षिण-पूर्वी हिस्से में आप टेलीविजन और वाशिंग मशीन रख सकते हैं, इससे आप बेवजह की सोच-विचार से बचे रहेंगेऔर जल्दी निर्णय लेने में सक्षम होंगे।
- बिजली उत्पादन या कंट्रोल करने वाले उपकरण जैसे इनवर्टर को आप अपने घर के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में रखें, यह हमें सही समय पर सहायता दिलाने में सहायक होता है।
वास्तु शास्त्र आपको चमत्कारिक सफलता की गारंटी तो नहीं दे सकता क्योंकि कर्म तो आपको ख़ुद ही करना होता है परंतु वास्तु शास्त्र के इन सुझावों को सही तरीके से अपनाने पर आपको अपने घर में नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर के सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। आप इन सुझावों को अपनायें और अपने घर के हर कोने को सुव्यवस्थित और साफ रखें तो आपको जीवन में सफलता हासिल करने में बहुत मदद मिलेगी।