इंटरनेट (Internet) क्या है

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इंटरनेट क्या है

कभी सोचा है आपने कि आज से सैकड़ो साल पहले अगर हम अपने पूर्वजों को कोई वैबसाइट खोल कर दिखा पाते, तो वो शायद ये मानते कि आपको कोई सिद्धि प्राप्त है या फिर आपके पास कोई जादुई शैतानी ताकत है, जिसकी सहायता से आप दूसरे शहर में होने वाली घटनायें देख लेते हैं और दुनिया के दूसरे कोने के लोगों से बात भी कर लेते हैं।

ये बात तो आज के दौर का लगभग हर छोटा बच्चा भी जानता होगा कि ये जादू नहीं बल्कि इंटरनेट की टेक्नोलॉजी का कमाल है, परन्तु हम नए ज़माने के बहुत से बड़े लोगों को भी विस्तार से नहीं पता होगा कि क्या होता है इंटरनेट और ये चलता कैसे है।

सरल शब्दों में कहें तो इंटरनेट, कई नेटवर्कों का एक महा नेटवर्क है जो पूरी दुनिया के ऐसे सभी उपकरणों जैसे लैपटॉप, मोबाइल, पीसी, इत्यादि को जोड़ देता है, जो आपस में बातें कर सकते हैं, एक दूसरे को वीडियो और टेक्स्ट सन्देश भेज सकते हैं। ऐसा उस उपकरण में लगे मॉडेम नाम की एक डिवाइस से होता है, जो उपकरण की मशीनी भाषा को इंटरनेट सिग्नल में बदलता है।

तो आइए, आज समझते हैं इंटरनेट की इस बेहतरीन टेक्नोलॉजी के बारे में जिसने त्वरित संचार (Quick Communication) के माध्यम से हमें एक-दूसरे के करीब लाकर हमारी दुनिया को छोटा और अधिक सुलभ बना दिया है।

इंटरनेट का आविष्कार किसने किया (Who Invented the Internet)

वास्तव में इंटरनेट की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया में, 1960 के दशक में हुई। हुआ यूं कि १९६८ की शुरुआत में नेटवर्क वर्किंग ग्रुप (NWG) ने एक बैठक आयोजित की। इस मीटिंग के अध्यक्ष थे एल्मर शपीरो (Elmer शपिरो) और ये बैठक आयोजित हुई थी स्टैनफोर्ड रिसर्च इंस्टिट्यूट में।

इस मीटिंग का मुख्य उद्देश्य था तेजी से विकसित होते डिजिटल नेटवर्क और कम्युनिकेशन के मुद्दों और विवादों को सुलझाना। इसके लगभग एक साल बाद १९६९ में कैलिफ़ोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, लॉस एंजेल्स, ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर के आम जनता को इंटरनेट (Internet) से परिचित कराया।

इंटरनेट का ये महा-नेटवर्क कैसे बनता है?

इंटरनेट शुरू हुआ था 1960 में अमेरिकन सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित रिसर्च के तहत बनाये गए नेटवर्क अर्पानेट से। आपको यह जानकार बहुत आश्चर्य होगा कि 99% तार जिनके जरिए पूरी दुनिया में इंटरनेट कनेक्शन चलता है वो दुनिया के समुद्रों की तलहटी में फैलाए गए हैं।

ये तार किसी शहर या कस्बे के बड़े सर्वर तक पहुँचते हैं और फिर वहाँ से तार सभी घरों तक उस इंटरनेट के सिग्नल को पहुँचाते हैं। फ़ोन लाइन के सिग्नल और मॉडेम से जुड़ जाने पर हम अपने इंटरनेट उपकरण यानि लैपटॉप, मोबाइल इत्यादि पर वैबसाइट (या वैबपेज) खोल सकते हैं।

क्या होती है वेबसाइट 

वेबसाइट ब्राउज़र पर खुलती है जो एक तरह से किसी वेबसाइट का टेक्निकल एड्रेस होता है, जिसके अंदर html कोडिंग के जरिए वैबसाइट बनाने वाले ने जानकारियाँ, खबरें, फोटो, वीडियो, इत्यादि भरी होती हैं। इंटरनेट को कई बार लोग नेट भी कह देते हैं यानि अगर आप कोई वेबसाइट देख रहे हैं तो आम तौर पर आप उसको ‘इंटरनेट सर्फिंग’ या ‘नेट सर्फिंग’ या वेब सर्च करना कह सकते हैं।

आजकल लगभग सभी बड़ी कंपनियों, अख़बारों, सामान बेचने वाली दुकानों यानि इ-कॉमर्स शॉप्स, सरकारी दफ्तरों, सिनेमाघरों, इत्यादि की वेबसाइट होती है जिससे आप घर बैठे ही न्यूज़ देख सकते हैं, सामान मंगवा सकते हैं, सिनेमा के टिकट खरीदने जैसी सुविधाओं का आनंद ले सकते हैं।

क्या है वर्ल्ड वाइड वेब (‘www’ या संक्षेप में ‘वेब’)

वर्ल्ड वाइड वेब, सारी दुनिया की वेबसाइट/वेबपेजेस (Website/Webpages) का नेटवर्क है। जैसा की हमने ऊपर बताया है, आप किसी भी वैबसाइट को अपने वेब ब्राउज़र पर खोल सकते हैं। ये सारी वेबसाइट और वैबपेज वर्ल्ड वाइड वेब पर रजिस्टर्ड होते हैं।

वर्ल्ड वाइड वेब को चलाने के लिए कुछ मानक नियम यानि प्रोटोकॉल तय किये गए हैं जिन्हे http या Hypertext Transfer Protocol (हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल) कहते हैं। इन मानकों को निर्धारित करने और इनको सही ढंग से पालन कराने के लिए वर्ल्ड वाइड वैब कंसोर्टियम है जिसकी अध्यक्षता करते हैं सर टिम बर्नर्स-ली जिनकी 1989 में वर्ल्ड वाइड वेब को बनाने में मुख्य भूमिका थी।

इंटरनेट का उपयोग

इंटरनेट के बहुत सारे उपयोग और फायदे हैं। उदाहरण के लिए, भारत के कई शहरों में अब आपको रेलवे आरक्षण, बिजली बिलों का भुगतान करने आदि के लिए लंबी कतारों में खड़े होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आप अपने घर पर आराम से बैठ कर उनसे सम्बंधित वेबसाइट पर क्लिक करके फटाफट भुगतान कर सकते हैं।

google जैसे फ्री सर्च इंजन और youtube.com जैसी विभिन्न वीडियो स्ट्रीमिंग (Video Streaming) वेबसाइटों के माध्यम से छात्र मुफ्त स्टडी मैटेरियल और khanacademy.org जैसी वेबसाइटों से कॉम्पिटिटिव कोचिंग क्लास को ऑनलाइन एक्सेस कर सकते हैं। या आप chegg.com, tutor.com, udemy.com जैसी वेबसाइटों पर सशुल्क स्टडी मैटेरियल, ट्रेनिंग और ऑनलाइन ट्यूशन का विकल्प चुन सकते हैं।

अब आपको अपने किसी प्रिय मित्र या परिवारजन जो आपसे बहुत दूर हैं, चिट्ठी लिख कर हफ़्तों या महीनों इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं है। आप इंटरनेट पर मोबाइल/लैपटॉप के जरिये उनको आमने-सामने वीडियो कॉल करके बातें कर सकते हैं या मैसेजिंग/चैट पर तुरंत सन्देश प्राप्त कर सकते हैं।

इस का समझदारी से उपयोग करके हम समय और धन की बहुत बचत कर सकते हैं। इंटरनेट ने हमारे देश के लगभग प्रत्येक नागरिक के जीवन को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से छुआ है और फायदा पहुँचाया है।

इंटरनेट के नुकसान

जहाँ इंटरनेट से होने वाले फायदे बहुत हैं वहीँ इसके नुकसान भी बहुत ज़्यादा हैं। इसके सबसे बड़े हानिकारक प्रभाव बच्चों पर होते हैं जो हमारे देश का भविष्य हैं। आजकल ऐसे परिवार दिखना एक आम बात हो गयी है जिनमें माँ-बाप इस बात से परेशान रहते हैं कि बच्चे कई तरह के बहाने बना कर मोबाइल या लैपटॉप पर इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न चीजें देखते रहते हैं।

मोबाइल/लैपटॉप की चमकदार स्क्रीन पर लगातार देखने से आँखों को नुकसान पहुँचता है। कई विशेषज्ञों की रिसर्च में पाया गया है कि इंटरनेट के वाई-फाई सिग्नल दिल और दिमाग पर ख़राब असर डालते हैं, जिनसे दिल का दौरा और ब्रेन ट्यूमर इत्यादि होने की सम्भावना रहती है।

कई लोग अपने पैर या पेट के ऊपर लैपटॉप रख कर काम करते हैं और लैपटॉप से उत्सर्जित होने वाला ताप, शरीर को अंगों को ख़राब करता है। यहाँ तक कि जो लोग लैपटॉप को शरीर से सटा कर काम करते हैं, उनको अक्सर कैंसर रोग से ग्रसित होते देखा गया है।

इंटरनेट पर पोर्न का उपलब्ध होना सबसे बड़ा खतरा

एक और बड़ा खतरा है किशोर अवस्था के लड़के लड़कियों को इंटरनेट पर पोर्न वेबसाइटों पर अश्लील साहित्य, निर्वस्त्र फोटो और वीडियो, इत्यादि का उपलब्ध होना। किशोर अवस्था में जब मन कच्चा होता है तो युवाओं के इन पोर्न मैटेरियलों को देख कर गलत राह पर बढ़ जाने की सम्भावना रहती है।

कई बार युवाओं में इसकी बहुत ज़्यादा लत लगते देखी गयी है जिसके कारण विशेषज्ञों ने इसको नशे के जैसा ही नुकसान करने वाला खतरनाक साधन बताया है। असामाजिक तत्व भी अक्सर इंटरनेट का गलत फायदा उठा कर अवैध गतिविधियों को करने में इसका इस्तेमाल करते हैं।

सारांश 

तो देखा आपने यह इंटरनेट कितना विशाल है। आप कह सकते हैं की इंटरनेट या वेब के अंदर सारी दुनिया की जानकारी समाई हुई है। तो, आपको कुछ भी जानना हो, किसी भी विषय के बारे में कुछ पढ़ना हो या किसी को मैसेज या वीडियो कॉल करना हो, इस इंटरनेट टेक्नोलॉजी की सहायता से सब कुछ संभव है।