INCOME TAX RETURN (आयकर रिटर्न)
Income का अर्थ है आय, Tax का मतलब है कर और Return अर्थात लौटाना। अपनी कुल आय के कर को चुकाये जाने का प्रोसेस ही इनकम टैक्स रिटर्न कहलाता है। विस्तार में समझें तो वर्ष भर में आयकर विभाग को अपनी आमदनी, व्यय, इनवेस्टमेंट, टैक्स, देनदारी के संबंध में विवरण देना होता है। इसे ही Income Tax return (आयकर रिटर्न ) कहा जाता है।
सवाल यह उठता है कि सरकार जनता से Tax क्यों लेती है? आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जनता से यह Tax की परंपरा राजा-मह़ाराजाओं के समय से चली आ रही है। केवल अंतर यही है कि समय-समय पर इस Tax का नाम बदलता रहा है।
कोई भी Tax सरकार द्वारा जनता के लिए विकास कार्यों को करने के लिये लिया जाता है। भारत सरकार भी जनता के लाभ के अनेक कार्यों को कराने के लिये नौकरी पेशा व्यक्तियों से आयकर लेती है? फिर उस आय को समाज के लिये उपयोगी कामों में खर्च करती है।
जनता से प्राप्त आय का लेखा-जोखा रखने के लिये आयकर विभाग बनाया गया है। जिसका हेड ऑफिस बैंगलोर में स्थित है। जिसमें अपनी आय-व्यय का संपूर्ण लेखा-जोखा वित्तीय वर्ष पूर्ण होने के बाद आयकर विभाग को देना होता है। इसी को Income Tax Return कहा जाता है। इस इनकम टैक्स रिटर्न भरने को ITR फाइल करना कहते हैं।
आयकर विभाग द्वारा ITR हर वर्ष भरना अनिवार्य कर दिया गया है। इनकम टैक्स रिटर्न ऑनलाइन या ऑफ लाइन दोनों तरह से फाइल करना बेहद आसान है। सर्विस क्लास व्यक्ति हो या बिजनेसमैन सभी के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरना अब भारत सरकार ने कानूनन जरूरी बना दिया है। ITR न फाइल करने की दशा में सरकार के आयकर विभाग द्वारा धारा 234F के तहत 10, 000 रुपये के अर्थ दंड की व्यवस्था की गई है।
सामान्य रूप से ITR भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई होती है। लेकिन समय, परिस्थिति, काल को देखते हुए आयकर विभाग इसमें रिलैक्सेशन देता रहता है कभी सूखा, कभी बाढ़ तो कभी कोविड-19 जैसी महामारी के चलते आईटीआर भरने की अंतिम तिथि में बदलाव होता रहता है। लेकिन अंतिम तिथि की प्रतीक्षा न करते हुए उससे पहले ही आईटीआर दाखिल करना बुद्धिमानी है।
Icome Tax Return फाइल करते समय बहुत सावधानी रखनी चाहिए और सही-सही जानकारियों को ही भरा जाना चाहिए। क्योंकि गलत जानकारियों के चलते आयकर विभाग आपके ऊपर जुर्माना कर सकता है। यहाँ तक की सजा में जेल भी हो सकती है। आज हम इस इनकम टैक्स रिटर्न फाइल के संबंध में पूरी जानकारी से अवगत होंगे ताकि इनकम टैक्स रिटर्न सरलता से बगैर किसी अशुद्धि के भरा जा सकें। सबसे पहले हम यह जानेंगे कि आइ टी आर है क्या?
ITR (Income Tax Return) क्या है?
जैसा की नाम से ही स्पष्ट है कि इनकम टैक्स रिटर्न वे वित्तीय सूचनाएं हैं जो हमें हर वर्ष आय कर विभाग को देनी होती हैं। इन विवरणों में हम अपनी वार्षिक आय-व्यय की पूरी जानकारी देते हैं। साथ ही हम इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को यह भी जानकारी देते हैं कि वर्ष भर में हमने कितना टैक्स हर माह आयकर विभाग को देने के लिये विभाग में जमा किया है।
इनकम टैक्स फाइलिंग करने पर प्राप्त एक छोटी सी रसीद बड़े-बड़े कार्यों में हमारी सहायता करती हैं। ITR की रसीद किस प्रकार आपको विदेश जाने में भी सहायक होती है, यह हम आपको अपने इस लेख में आगे बताएगें।
इसके अलावा इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग का लाभ यह भी है कि यदि आपने निर्धारित आयकर से अधिक की धनराशि आयकर विभाग में जमा कर दी है तो ऐसी दशा में आयकर विभाग आपके द्वारा भरे जाने वाली प्रपत्रों की जांच के उपरांत आपके द्वारा चुकाई जाने वाली अधिक धनराशि आपके बैंक अकाउंट में वापस कर देता है। इस पूरे प्रोसेस को आईटीआर फाइल करना कहा जाता है।
ITR फाइल करने के लिये आवश्यक प्रपत्र
- ITR फाइलिंग करने के लिये सबसे अधिक आवश्यक प्रपत्रों में form 16, form 16a अति आवश्यक प्रमाण पत्र है। यह प्रमाण किसी कर्मचारी को उसको कंपनी द्वारा दिया जाता है। इसमें उस कर्मचारी के पूरे वर्ष भर का वित्तीय लेखा-जोखा रहता है।
- पैन (Permanent Account Number), आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाने वाले इस महत्वपूर्ण प्रपत्र की आवश्कता सभी वित्त संबंधी कार्यों में होती है। ITR फाइलिंग में भी P A N की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। बिना इस प्रपत्र के ITR फाइलिंग करना संभव ही नहीं है।
- आधार नंबर, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की ओर से जारी आधार कार्ड की संख्या ITR की फाइलिंग करते समय आवश्यक होती है। इसलिये आधार कार्ड, Income Tax return के लिये एक अनिवार्य डाक्यूमेंट है।
- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर का OTP, ITR फाइल करते समय आधार से जुड़े रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर में जारी OTP की आवश्यकता होती है। ऐसी दशा में यदि आपके आधार से कोई मोबाइल नंबर पंजीकृत नहीं है तो समस्या आती है।
- बैंक अकाउंट, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय आपका बैंक अकाउंट नंबर भी आवश्यक होता है। क्योंकि ऐसी दशा में जब आपने आवश्यकता से अधिक एड्वान्स इनकम टैक्स पे कर देते है तो आपका रिटर्न आपके बैंक अकाउंट में जमा कर दिया जाता है।
इनकम टैक्स रिटर्न भरने से फायदे
यदि हम देश के एक जिम्मेदार नागरिक की तरह हर वर्ष समय पर आयकर भर देते हैं तो देश का भला होता ही है लेकिन साथ ही अपना लाभ भी होता है। Income Tax Return भरने से होने वाले फायदों को आइये विस्तार से जानते हैं–
- अर्थदंड से बचें यदि आपकी वार्षिक आय 5 लाख से अधिक है तो ऐसी स्थिति में आपको Income Tax Return फाइल करना आवश्यक है। लेकिन यदि आप आइटीआर फाइल नहीं करते हैं तो ऐसी दशा में आयकर विभाग की धारा 234 एफ के तहत आप पर ₹10000 का जुर्माना किया जा सकता है। इस तरह समय पर Tax देकर कर आप अर्थ दंड से बचते हैं।
- बैंक ऋण प्राप्त करना आसान यदि आप बैंक या अन्य किसी वित्तीय संस्था से होम या कार आदि के लोन के लिए आवेदन करते हैं तो ऐसी दशा में बैंक से पिछले 3 वर्षों का आइटीआर माँगा जाता है। बिना I T R के होम लोन प्राप्त करना मुश्किल होता है। इसलिये आपके द्वारा हर वर्ष इनकम टैक्स रिटर्न अवश्य भरा जाना बैंक से ऋण लेने में सहायक होता है।
- वीजा पाने के लिए आवश्यक प्रपत्र I T R की रसीद एक महत्वपूर्ण प्रपत्र है। अमेरिका कनाडा, आस्ट्रेलिया जैसे देशों में जाने के लिए आवेदन करने पर इसी Income Tax Return के रसीद की मांग की जाती है। तब समझ में आता है कि यह छोटा सा कागज आपके बड़े काम का है।
- आपके आवासीय पते का पुख्ता सबूत इनकम टेक्स रिटर्न की रसीद पर अंकित आपका आवासीय पता आपके रेजिडेंशियल एड्रेस का पुख्ता सबूत है। जिसे आप कहीं भी जरूरत पड़ने पर उपयोग में ला सकते हैं। क्योंकि भारत सरकार के आयकर विभाग द्वारा प्रदत्त इनकम टैक्स रिटर्न की रिसिप्ट एक महत्वपूर्ण प्रपत्र है।
- सरकारी कार्यों का ठेका लेने में सहायक यदि आप सरकार के द्वारा किये जाने वाले कार्यों का ठेका लेना चाहते हैं तो उसके लिये पिछ्ले पाँच वर्षों के इनकम टैक्स के रिटर्न का विवरण माँगा जाता है। इसलिए I T R सरकारी कामों को पाने में सहायक है।
- बीमा पॉलसी लेने में आवश्यक यदि आप बीमा कंपनियों द्वारा 50 लाख से 1 करोड़ का टर्म इंश्योरेंस लेते हैं तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न की रिसिप्ट जमा करनी होती हैं। इसलिये ITR बीमा पॉलसी लेने में एक आवश्यक डाक्यूमेंट है।