वैसे तो पूजा करने में भक्ति भावना प्रधान है, ना कि दिशा, क्योंकि भगवान तो भाव के भूखे हैं। ऐसा होने पर भी, हम और आप कोई भी कार्य सही दिशा में करने के महत्त्व को नकार नहीं सकते। ऐसा ही कुछ पूजा-अर्चना के साथ भी है। यदि आप महान सिद्ध साधक हों तो किसी भी बात का कोई फर्क नहीं पड़ेगा, फिर तो जहाँ भी आप बैठ जायेंगे, उसी दिशा में अपने आप ही सब कुछ ईश्वरमय हो जायेगा परन्तु आम तौर पर साधारण मनुष्यों के साथ ऐसा नहीं होता।
पूजा करते समय हम लोगों को देव प्रतिमा का मुख सही दिशा में रखने जैसी छोटी से छोटी बात का भी ध्यान रखना चाहिए, जिससे हमारे और आपके जैसे साधारण लोग अपने मन को पृथ्वी की चुंबकीय शक्ति से विचलित ना होने दें और एकाग्र होकर पूजा-पाठ कर सकें। इसी उद्देश्य से आइये समझें कि हमारे पूजा कमरे में भगवान की प्रतिमा का मुख किस ओर होना चाहिए।
विभिन्न देवताओं के मुख और दृष्टि के बारे में भिन्न–भिन्न मान्यतायें
आपने अपने घर के बुज़ुर्गों से और कुछ विशेष पूजाओं के समय कही जाने वाली प्राचीन कथाओं में अवश्य सुना होगा कि कुछ विशेष देवताओं की दृष्टि का हमें ध्यान रखना चाहिए कि वह सही दिशा में पड़ रही हो। उदहारण के लिए, ऐसी मान्यता है कि गणपति भगवान की प्रतिमा कभी भी ऐसी जगह नहीं लगानी चाहिए जहाँ उनकी दृष्टि घर के बाहर की ओर पड़ रही हो अन्यथा घर की सुख-समृद्धि बाहर चली जाती है।
सुनिश्चित करें कि गणेश भगवान की फोटो ऐसी जगह लगायें कि उनकी दृष्टि आपके पूरे घर पर अंदर की ओर पड़ रही होनी चाहिए। भगवान शिव की दिशा उत्तर दिशा की मानी गयी है, इसलिए शिवलिंग का मुख उत्तर की दिशा की ओर रखें। उनके साथ आपने नंदी जी भी रखे हैं तो उनका मुख शिवलिंग या भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा की ओर रखें। पूजा करते समय यदि आप की पश्चिम की तरफ पीठ हो और पूर्व की ओर मुँह करके आप पूजा करें तो यह सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
देव प्रतिमा को सही जगह रखने के बारे में ध्यान रखने योग्य सावधानियाँ
कुछ देवों की पूजा-आराधना विशेष प्रकार से होती है और हम सबको शास्त्रों में वर्णित उन प्राचीन मान्यताओं का सम्मान करना चाहिए। शनि भगवान को पूजा कक्ष या घर में ना रखें और मंदिर में जा कर उनकी पूजा करें तो बेहतर होगा क्योंकि उनकी प्रतिमा से आंखें मिलाने का मतलब है कुछ अनिष्ट होना।
मंदिर में भी शनि देव की पूजा करते समय ध्यान रखें की आपकी दृष्टि उनके चेहरे पर ना जा कर चरणों की तरफ ही रहे। लड्डू गोपाल यदि आपने घर के मंदिर में रखे हैं तो बच्चे की तरह उनकी विधिवत देखभाल करें। रोज उन्हें स्नान करायें, आरती करें और माखन मिश्री का भोग लगायें, तामसिक चीजों का त्याग करें और पूजा का कमरा बंद ना रखें।
यदि पूजा कमरे में गणेश भगवान की मूर्ति लगा रहे हैं तो गणेश जी के साथ लक्ष्मी जी की मूर्ति भी अवश्य लगायें और पूजा स्थल पर मध्य में रखें। यह भी ध्यान रखें कि पूजा कमरे में किसी भी देवता की मूर्ति या फोटो कभी भी ढक कर ना रखी गयी हो, देवों को ज़मीन पर ना रखें और किसी भी देव प्रतिमा का मुख कभी भी दक्षिण की तरफ ना हो।
इस तरह से यदि आप अपने पूजा कक्ष में सही दिशा में देव प्रतिमा का मुख रखने का ध्यान रखेंगे तो इससे ईश्वर के प्रति आपकी अच्छी श्रद्धा एवं भक्ति परिलक्षित होगी, जिससे आपके घर में निश्चित ही सकरात्मक ऊर्जा प्रवाहित होगी और धन-धान्य के साथ खुशहाली आएगी।