जहाँ बाबा विश्वनाथ शंकर भगवान काशी के राजा कहे जाते हैं वहीं भैरव बाबा को काशी का कोतवाल माना जाता है। कोतवाल सबसे बड़े पुलिस अफसर के जैसा होता है जो अपराधियों को पकड़ता है और उनको सज़ा दिलवाता है। आप समझ सकते हैं कि इस तरह का कार्य जो भी करेगा वह दबंग और गुस्से वाला होगा चाहे वह देवता ही क्यों ना हो। प्राचीन शास्त्रों की कथाओं में ऐसा वर्णित है कि भैरव बाबा भगवान शिव-शम्भू के क्रोध से पैदा हुए थे।
आप भैरव बाबा की मूर्ति घर में कभी ना रखें, बाहर के मंदिर में ही दर्शन करें
हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि जिन देवी-देवताओं को हम हमेशा अपने सामने रखते हैं और उनको पूजते हैं, हम सब उन्हीं देवों की वृत्तियों (यानी उनके स्वाभाव और गुणों) से प्रभावित होते हैं। यह मनोविज्ञान की एक बहुत ही गूढ़ बात है जो हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों ने हज़ारों साल पहले ही खोज लिया था।
यहाँ पर ध्यान देने योग्य स्वाभाविक सी बात यह है कि पुलिस अधिकारी के पास आप ड्यूटी के समय कभी-कभी अपनी गुहार ले कर चले जायें तो ठीक है, वो आपकी मदद कर देंगे परंतु यदि आप कहें कि आप हमेशा हमारे सामने रहो तो वह अधिकारी निश्चित रूप से क्रोधित हो जायेंगे।
ऐसा ही कुछ हाल यहाँ भी है, इसीलिए आप घर में उनको लगातार सामने रखें तो वह सही नहीं होगा। एक और ध्यान देने योग्य बात यह है कि भैरव भगवान तंत्र के देवता माने जाते हैं और तांत्रिक कार्य हमेशा घर से बाहर ही संपन्न किए जाते हैं, इस कारण से भी प्राचीन समय से भैरव बाबा की मूर्ति घर में रखने को निषेध माना जाता रहा है।
आप यह भी जानते ही होंगे कि तंत्र विद्या भूत-प्रेतों को अपने नियंत्रण में करने की विद्या है। इसलिए, स्वाभाविक है कि भैरव बाबा के तंत्र से संबंधित भूत-प्रेत आपके घर में भी पहुँच जाएँगे जो कि आप कभी नहीं चाहेंगे।
सुनिश्चित करें कि ना केवल मूर्ति बल्कि उनकी कोई भी तस्वीर भी आपके घर में कहीं पर भी ना हो। आप ज्ञान के लिए उनसे संबंधित किताबें तो अवश्य पढ़ सकते हैं पर ध्यान रखें कि भैरव बाबा की मूर्ति या फोटो घर में रखना अशुभ माना जाता है।
तंत्र से जुड़ी हुई एक बात और भी है कि जिनको इस विद्या का ज्ञान होता है, वही उसका फायदा उठा सकते हैं बाकी किसी को भी जो इस से जुड़ा कोई भी कार्य इसको बिना जाने या समझे करते हैं, उनको इस से बहुत हानि उठानी पड़ सकती है।
ये ठीक उसी तरह है जैसे तेज करंट वाली 440 वॉट बिजली को बिना यह समझे इस्तेमाल किया जाए कि उसका सही और सुरक्षित प्रयोग कैसे करना है तो वह तो तेज़ झटका ही मारेगी, जो कि बहुत खतरनाक हो सकता है। बिलकुल ऐसा ही हाल भैरव बाबा की भक्ति करने का भी है।
इसलिए काशी के कोतवाल भैरव बाबा की मूर्ति को आप अपने घर के किसी भी कमरे में ना लगायें। यदि आप उनकी भक्ति करना चाहते हैं तो आप श्रद्धापूर्वक मंदिर में जा कर उनके दर्शन अवश्य कर सकते हैं जैसा कि काशी के लोग हर रोज़ करते हैं।