लड्डू गोपाल कृष्ण भगवान का शिशु रूप है और जैसा भगवान का रूप होता है, वैसा ही उनका स्वभाव भी होता है। इसलिए, इस रूप में भगवान का शिशु भाव रहता है और आप उनको छोटे बच्चे की तरह जितना लाड़-प्यार दे सकते हैं, वही उनकी सच्ची भक्ति होती है।
सारी बात यहाँ पर श्रद्धा और भावना की है क्योंकि लड्डू गोपाल भगवान भक्त के भावों के ही भूखे होते हैं। भगवान अपने इस रूप में सोते हैं, जागते हैं और सारी बाल क्रीडायें यानी खेल करते हैं जो एक छोटा बच्चा करता है। यह भी ध्यान से समझ लें कि लड्डू गोपाल जी का मंत्र (इस मंत्र को संतान गोपाल मंत्र भी कहते हैं) क्या है। इस मंत्र को कैसे पढ़ा जाता है और इसके क्या लाभ हैं, चलिए समझते हैं इसे।
लड्डू गोपाल भगवान का संतान गोपाल मंत्र
ॐ देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।
वैसे तो यह मंत्र जाप अच्छी संतान पाने के लिए किया जाता है पर आप अपने पैदा हो चुके बच्चों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। नहा-धो कर साफ़-सुथरे वस्त्र पहन कर शुद्ध रुद्राक्ष या स्फटिक की माला से जाप करें।
इस मंत्र जाप को करने के लिए अपने दायें हाँथ की तर्जनी (लम्बाई में दूसरे नंबर की) ऊँगली पर माला रख कर अंगूठे से एक-एक मंत्र पढ़ कर माला को आगे बढ़ाते जाएं। कोशिश करें कि इस मंत्र के एक लाख जप आप पूरे करें जिससे यह आपके लिए सिद्ध हो सके।
एक लाख बार इस मंत्र के पूरे हो जाने पर इसके दसवें अंश यानी 10 हजार मंत्रों से हवन करवा लीजिए। हवन के बाद ब्राह्मणों को अपनी श्रद्धा और क्षमता के अनुसार भोजन करवा कर उचित दान-दक्षिणा दे कर आशीर्वाद ले लीजिए।
लड्डू गोपाल की सेवा करने से क्या फल मिलता है?
जब आप भगवान के प्यारे शिशु रूप की देखभाल और सेवा करेंगे तो आपका मन अपने आप ही बहुत प्रसन्न हो जाएगा, परिवार में भी खुशहाली आएगी परंतु भगवान की पूजा मन में लालच रख के ना करें। आप इस को ऐसे समझें कि जैसे प्रकृति में हर बात का स्वाभाविक रिएक्शन होता है, उसी तरह जब आप कोई अच्छा कार्य करते हैं और भगवान की पूजा आदि करते हैं तो उसके स्वाभाविक असर से आपका मन और भी बेहतर काम करने के अनुकूल हो जाता है।
इसके अलावा बच्चों को हमेशा निर्दोष और सकारात्मक एनर्जी से भरपूर माना जाता है, फिर लड्डू गोपाल तो स्वयं सकारात्मक एनर्जी के सागर भगवान ही हैं तो उनके घर में रहने से और उनको देखने भर से ही परिवार के सभी लोगों के दुःख-दर्द अपने आप दूर हो जाते हैं।
भगवान कृष्ण का यह शिशु स्वरुप अपने भक्तों की सभी सही मनोकामनाओं को ज़रूर पूरा करता है। आपकी जो भी मनोकामना है उसे भगवान लड्डू गोपाल जी के कान में बता दीजिए, वह ज़रूर पूरी होंगी।
लड्डू गोपाल को घर में रखने के नियम
लड्डू गोपाल भगवान की भक्ति का अर्थ उनका छोटे बच्चे की तरह ध्यान रखना है। उनका अच्छे से ध्यान रखने के लिए कुछ नियम बताए गए हैं, इनका ध्यान रखें।
- लड्डू गोपाल भगवान को हर रोज़ समय पर सुबह स्नान कराइए जैसे किसी छोटे बेबी को कोमलता के साथ स्नान कराया जाता है।
- उनको खाने के लिए माखन मलाई और मिश्री का भोग चढ़ाइए जिसे उनके सामने थोड़ी देर रखा भी रहने दीजिए।
- उनके लिए छोटा सा पालना झूला बना कर धीरे-धीरे झुलाइये।
- ठंड बढ़ने पर उनको प्यार से साफ़-सुथरी छोटी सी चद्दर से ओढ़ा दीजिए।
- हर दिन लड्डू गोपाल भगवान की आरती ज़रूर करिए।
- रात में उनको प्यार से सुला दीजिए जैसे किसी छोटे बच्चे को लोरी गए कर सुलाते हैं।
- कभी भी उनको घर में ताला बंद करके अकेला ना छोड़ें और कहीं ज़रूरी काम से जाना ही पड़ जाए तो परिवार के किसी सदस्य या किसी विश्वासपात्र को उनका ख्याल रखने की ज़िम्मेदारी देकर जायें।
जब आप लड्डू गोपाल भगवान की पूजा करना शुरू करेंगे तो उसमें इतना रम जायेंगे कि आपको बहुत आनंद आने लगेगा पर उनकी पूजा के लिए बताए गए नियमों का ज़रूर ध्यान रखिए, फिर आपके घर में हमेशा खुशियाँ ही खुशियाँ रहेंगी।