कामाख्या मंदिर के गुप्त रहस्य जानकर चौंक जाएंगे

कामाख्या मंदिर

जहाँ  दिया जाता है प्रसाद में भीगा हुआ लाल रंग का कपड़ा; वह कपड़ा, जो भक्तों की किस्मत बदल देता है। वह  कपड़ा, जो भक्तों के सारे दुख -दर्द दूर कर देता है। वह कपड़ा, जो भक्तों की तिजोरी भर देता है। वह कपड़ा जो रोगों- शोकों का नाश करता है। वह कपड़ा, जो ऊपरी बाधाओं से मुक्ति दिलाता है।

फिर कौन नहीं चाहेगा उस चमत्कारी लाल रंग के कपड़े को पाना ! लेकिन यदि यह माता का अदभुत प्रसाद  प्राप्त करना है तो आपको कामाख्या मंदिर धाम की यात्रा करनी होगी । क्यों इस मंदिर की रहस्यमय शक्ति हर किसी के मनोकामना को पूर्ण करने वाली है़।

इस अदभुत देवी के पावन धाम का नाम है़ कामाख्या मंदिर। कामाख्या का अर्थ ही होता है इच्छाओं को पूर्ण करने वाली माँ। कामाख्या शब्द माँ दुर्गा का पर्याय है़। कहने का अर्थ यह है कि जहाँ माँ दुर्गा का निवास करती हैं वह शक्ति पीठ कामाख्या धाम कहलाता है।

कामाख्या मंदिर कहां है

कामाख्या मंदिर तस्वीरें

यह कामाख्या मंदिर भारत के असम राज्य के दिसपुर से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जहाँ की माँ दुर्गा का चमत्कारी रूप हर किसी को आश्चर्य में डाल देता है। यह  प्रसिद्ध धाम भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर में माता की कोई प्रतिमा नहीं है लेकिन फिर भी यहाँ देवी योनि रूप अपने होने का आभास कराती हैं। देवी माता का यह शक्तिपीठ नीलांचल पर्वत से लगभग 10 मीटर दूरी पर भव्य बना हुआ है। इस पावन स्थान पर असम राज्य की कला और संस्कृति खूब फलती- फूलती नजर आती है।

कामाख्या मंदिर कहानी

इस मंदिर की कथा भगवान शिव और सती से जुड़ी हुई है। यह वह कथा है़ जो अत्यंत दर्दनाक है। इस कथा को सुनकर हर किसी की आंखें नम हो जाती हैं। कहते हैं कि एक बार राजा दक्ष ने अपने राज्य में एक विराट यज्ञ का आयोजन किया। लेकिन उस यज्ञ में भगवान शिव और सती को आमंत्रित नहीं किया।

इस पर भी इस यज्ञ के आयोजन की जानकारी देवी सती को हो गई। उन्होंने भगवान शिव से कहा कि हमें भी पिता जी के द्वारा आयोजित किए जाने वाले  इस विराट यज्ञ में सम्मिलित होने के लिए चलना चाहिए । भगवान शिव ने कहा कि यह बात ठीक है कि गुरु और माता-पिता के घर बिना बुलाये भी जाया जा सकता है। लेकिन मुझे इस समय इस यज्ञ  में सम्मलित होना उचित नहीं लग रहा है।

क्योंकि मुझे इस यज्ञ के आयोजन के दौरान कुछ अनिष्ट होने की आशंका हो रही है। इसलिए अच्छा होगा कि हे सती, तुम ही इस यज्ञ में सम्मिलित होने के लिए मत जाओ। कहा जाता है़ कि भगवान शिव के बहुत समझाने पर भी सती नहीं मानीं। वह अपने पिता के द्वारा आयोजित किये जाने वाले यज्ञ में सम्मिलित होने के लिए अपने मायके चली गईं।

लेकिन वहाँ जाकर उनको पता चला कि भगवान शिव को अपमानित करने के उद्देश्य से उनके पिता दक्ष ने यज्ञ के आयोजन में  उन्हें नहीं बुलाया है़।साथ ही सती के पिता ने वहाँ यज्ञ के आयोजन में उपस्थित समाज के सामने भगवान शिव के संबंध में अप्रिय शब्द कहे।

कहते हैं कि वे कड़वे शब्द सती के हृदय में शूल की तरह चुभ गये। वह अत्यंत क्रोधित हो गईं। बताते हैं कि उसके बाद सती क्रोधावस्था में ही यज्ञ की अग्नि में कूद पड़ीं और अपनी जान दे दी । भगवान शिव ने जब सती के आत्मदाह का यह दुःखद समाचार सुना तो वे दौड़े-दौड़े आये।

वहाँ आकर उन्होंने सती के मृत शरीर को अपने कंधों पर उठा लिया और दुख तथा क्रोध की ज्वाला में संपूर्ण ब्रह्मांड में तांडव नृत्य करने लगे। तब भगवान विष्णु ने शिव जी के क्रोध को शांत करने के लिए एक उपाय सोंचा। शिव जी को सती के मृत शरीर से मुक्त करने के लिए उन्होंने अपने सुदर्शन चक्र से  सती के मृत शरीर को 51 हिस्सों में काट डाला।

कहते हैं कि सती के मृत शरीर के वे टुकड़े सृष्टि में जहाँ-जहाँ गिरे, वहाँ वहाँ देवी का पूज्य शक्ति पीठ स्थापित हो गया। बताते हैं कि देवी सती का योनि का भाग धरती पर जहाँ गिरा वह स्थान ही कामाख्या धाम के नाम से प्रसिद्ध हो गया।

कामाख्या मंदिर तस्वीरें

कामाख्या मंदिर के गुप्त रहस्य जानकर चौंक जाएंगे

इस मंदिर में जल का यह कुंड बना हुआ है जो सदैव पुष्पों से ढका हुआ रहता है। कहा जाता है कि इस देवी के  धाम में माता सती की योनि की पूजा की जाती है। बताते हैं कि माता के योनि भाग के इस स्थान में मौजूद होने के कारण हर माह देवी इस धाम में रजस्वला भी होती हैं।

देवी माँ के रजस्वला (मासिक धर्म) होने के दौरान कामाख्या मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं। इस मंदिर के पट बंद करने के पूर्व एक सफेद रंग का कपड़ा मंदिर के अंदर बिछा दिया जाता है और 3 दिन के पश्चात जब मंदिर के पट खोले जाते हैं तो वह सफेद रंग का कपड़ा लाल रंग के भीगे कपड़े में बदल जाता है।

कहते हैं कि ऐसा देवी माँ के मासिक धर्म के कारण होता है़। यहाँ सब कुछ बहुत चमत्कारिक लगता है। ऐसा लगता है कि देवी माँ इस कामाख्या धाम में अदृश्य रूप में निवास करती है ।

कामाख्या मंदिर तस्वीरें

कामाख्या मंदिर कब जाना चाहिए

कामाख्या मंदिर में जाने के लिए सबसे अच्छा समय अंबुबाची मेले के दौरान होता है। अंबुबाची मेले की बात करें तो यह हर साल 22 जून को शुरू होता है और 26 जून तक चलता है. इस दौरान 3 तीनों के लिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और इस दौरान भक्त कामाख्या देवी के दर्शन नहीं कर सकते।

22 जून को मंदिर के कपाट बंद होते हैं और 26 जून को मां कामाख्या देवी को स्नान व श्रृंगार कराने के बाद दर्शन के लिए कपाट खोले जाते हैं। कामाख्या देवी धाम में भक्तों को यहाँ माता के रजस्वला (मासिक धर्म) के पश्चात लाल रंग का गीला कपड़ा (अंबुबाची वस्त्र) प्रसाद स्वरूप में वितरित किया जाता है।

कहा जाता है कि इस लाल रंग के कपड़ा को हाथ में स्पर्श करते ही भक्तों की जीवन में बदलाव आने लगता है। उनके ऊपर से बुरे ग्रहों की दशा का प्रभाव समाप्त होने लगता है़। क्योंकि यह लाल रंग का कपड़ा माता का अदभुत चमत्कार है जो भक्तों के भाग्य को बदल देता है।

कहते हैं कि प्रसाद में मिले उस लाल रंग के कपड़े को अपने पास रखने से रोग -शोक का नाश होता है और धन- वैभव की प्राप्ति होती है। इस पावन देवी के स्थान पर मनाये जाने वाले अंबुबाची पर्व में सम्मलित होने वाले भक्तों का उत्साह देखते ही बनता है। इसके अतिरिक्त माता के सच्चे धाम में दुर्गा पूजा, पोहान बिया, दुर्गा देऊल ,मदानदेउल, वसंती पूजा आदि महोत्सव में भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है।

कामाख्या मंदिर तस्वीरें

कामाख्या मंदिर का रहस्य

कामाख्या मंदिर प्राचीन काल से ही तांत्रिकों के तंत्र- मंत्र सिद्ध करने का प्रमुख स्थल रहा है। इस धाम में माँ काली और त्रिपुर सुंदरी माता की भी आराधना की जाती है। देवी के इस पावन  स्थान पर तांत्रिक नकारात्मक शक्तियों से टकराकर उसे दूर भगाने का उपाय करते हैं।

देवी के इस अनुपम धाम में यदि कोई व्यक्ति ऊपरी बाधा से त्रस्त रहता है तो इस कामाख्या मंदिर में आकर उसे समस्त बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है। देवी के इस स्थान में काले जादू से प्रभावित लोग भी देखने को मिलते हैं। यहाँ माता हर किसी के दुख- दर्द मिटाने के लिए बैठी है़।

Sharwari Gujar Shafaq Naaz सोशल मीडिया पर छायी हुई हैं शमा सिकंदर Vahbiz Dorabjee बला की खूबसूरत अभिनेत्री हैं Avneet Kaur net worth kenisha awasthi Rashmi Desai का बोल्ड लुक सोशल मीडिया पर छाया हुआ है नेहा शर्मा (Neha Sharma) एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री हैं मोनालिसा का बोल्ड अंदाज उनके फोटोशूट में नज़र आया रश्मि देसाई (Rashami Desai) का बोल्ड फोटोशूट सोशल मीडिया पर छाया Famous soap opera star Robyn Griggs passed away हुमा कुरैशी (Huma Qureshi) अपने फोटो शूट की वजह से चर्चा में है आजकल pooja hegde age janhvi kapoor boyfriend name 2022 जानिये अभिनेत्री स्नेहा पॉल (Sneha Paul) के बारे में सब कुछ आलिया भट्ट (alia bhatt) की आने वाली फिल्मे कौन सी हैं मॉडल और अभिनेत्री शोभिता राणा (shobhita rana) के दीवाने हैं फैंस मलयालम फ़िल्मी दुनिया की बेहतरीन अदाकारा है इनिया (Iniya) बॉलीवुड की सफल अभिनेत्रियों में से एक हैं Ileana D’cruz खुशी गढ़वी (Khushi Gadhvi) के कर्वी फिगर के दीवाने है फैंस अपनी फ़िटनेस को ले कर संजीदा रहती हैं shweta tiwari अपनी निजी ज़िन्दगी सीक्रेट ही रखती हैं Anveshi jain सितंबर में पैदा हुए व्यक्तियों के प्रेम को समझ पाना बहुत मुश्किल है ओवरवेट Rashmi Desai ने सिर्फ वॉक करके घटाया अपना वज़न