अपने घर की हर चीज़ आप यदि वास्तु शास्त्र के अनुसार रखें तो उसका सकारात्मक प्रभाव आप को अवश्य ही बहुत शीघ्र दिखेगा। घर की ऐसी ही वस्तुओं में से एक अलमारी भी होती है जिसका दरवाज़ा सही दिशा में खुलना चाहिए। प्राचीन भारतीय वास्तुकला और डिजाइन पद्धति को वास्तु शास्त्र के नाम से जाना जाता है जिसकी प्रमाणिकता हज़ारों सालों से सिद्ध रही है।
आज समय बदल रहा है और अब वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों को देश-विदेश के बहुत सारे लोगों ने, न केवल समझना शुरू कर दिया है, बल्कि अपनाना भी प्रारंभ कर दिया है। आप भी इन सिद्धांतों को समझें और इनका पूरा लाभ उठायें। इसी कड़ी में आइए आपको आज विस्तार से बताते है कि आपको अपनी अलमारी का मुँह किस ओर रखना चाहिए क्योंकि यह आपके जीवन में सकारात्मकता ला कर एक अच्छी दिशा दे सकता है।
कैसे काम करता है वास्तु शास्त्र का सिद्धांत?
वास्तु शास्त्र इस सिद्धांत पर काम करता है कि जैसे हर जीवित प्राणी के अंदर ‘प्राण’ ऊर्जा होती है, उसी तरह ब्रह्मांड की ऊर्जा भी सभी जीवित प्राणियों और निर्जीव पदार्थों को नियंत्रित करती रहती है। आपके आस-पास, घर के अंदर और बाहर, ऊर्जा का यही आदान-प्रदान चलता रहता है।
घर के बाहर की वस्तुएँ आप के नियंत्रण में नहीं होंगी परंतु घर के अंदर की वस्तुएँ, विशेषकर कि अलमारी जैसी बड़ी वस्तु को सही दिशा में रख कर आप अपने घर में अच्छी और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रख सकते हैं। बहुत से लोग सोचते हैं कि वास्तु शास्त्र के सिद्धांत सिर्फ भवनों के निर्माण के लिए ही होते हैं परंतु ऐसा नहीं है।
इसका सम्बन्ध घर के अंदर की ऊर्जा के प्रवाह से भी होता है और यह बड़े आकार की वस्तुओं को सही तरीके से रखने के लिए और भी अधिक ज़रूरी है क्योंकि स्वाभाविक सी बात है कि बड़े आकार वाले पदार्थ अधिक ऊर्जा के क्षेत्र को प्रभावित करते हैं।
घर में अलमारियों को किस दिशा में रखें?
कभी-कभी वास्तु विशेषज्ञों की राय इस बारे में अलग-अलग होती है कि अलमारी जैसी भारी वस्तु, घर के अंदर किस दिशा में रखनी चाहिए, लेकिन उनमें से अधिकांश इस बात से सहमत रहते हैं कि अलमारी रखने की सबसे अच्छी दिशा दक्षिण-पश्चिम दिशा होती है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि धन और समृद्धि का प्रवाह दक्षिण की ओर होता है। इसके अलावा एक कारण यह भी है कि मत्स्य पुराण में वर्णित है कि दक्षिण-पश्चिम दिशा पृथ्वी तत्व की दिशा होती है, जो स्थिरता और मज़बूती का प्रतीक होता है।
आप यदि अपनी अलमारी (जो कि आमतौर पर बहुत भारी होती है और बहुत सी चीजों से भरी होती है) को इस दिशा में रखें तो यह सुनिश्चित होगा कि वह पृथ्वी की ग्राउंडिंग ऊर्जा के अनुकूल होगी, जिससे आपका घर सुरक्षा और संतुलन से परिपूर्ण रहे।
आपकी अलमारी का मुख किस दिशा में होना चाहिए?
अक्सर लोगों को दुविधा इसी बात को समझने की होती है। जो यहाँ ऊपर बताया गया है कि आप अपनी अलमारी दक्षिण दिशा में रखें, उसका मतलब यह नहीं कि उसका दरवाजा भी दक्षिण दिशा में खुलता हो। आप ध्यान रखें कि आपकी अलमारी का मुँह उत्तर दिशा में खुलना चाहिए या अगर जगह की कमी से वह संभव ना हो तो आप इसके दरवाजे को पूर्व दिशा में भी खोल सकते हैं।
यानी आप अपने घर के किसी भी कमरे मे आलमारी रखे हो, लेकिन ध्यान रहे कि उस आलमारी का दरवाजा या तो उत्तर दिशा की ओर खुले या पूरब दिशा की ओर खुलता हो। यदि उस अलमारी का दरवाजा उत्तर की ओर खुलेगा तो उसमे रखे सामानों की वृद्धि होगी और यदि उसका दरवाजा पूरब दिशा की ओर खुलेगा तो उसमे रखे सामान लंबे समय तक सुरक्षित रहेंगे।
आपकी अलमारी में यदि लगा हो शीशा तो इन बातों का रखें ध्यान
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि वास्तु शास्त्र में शीशा एक बहुत ताकतवर माध्यम माना जाता है जिसके अच्छे और बुरे प्रभाव हो सकते हैं। यदि आपकी अलमारी में दर्पण है (जैसा कि अक्सर ही होता है) तो आपको अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
वास्तु शास्त्र में शयनकक्ष के अंदर अपने बिस्तर के ठीक सामने दर्पण न लगाने की सलाह दी गई है क्योंकि दर्पण ऊर्जा को कई गुना बढ़ा देते हैं। यह एक तर्कपूर्ण तथ्य है कि सोने के वक़्त आपके मष्तिष्क को विचारों के जंजाल में नहीं फंसना चाहिए परन्तु दर्पण से जो ऊर्जा टकरा कर लौट के आती है, वह दिमाग में हलचल उत्पन्न कर देती है और अच्छी नींद ना मिल पाने के कारण दिमाग में नकारात्मक विचार घर करने लगते हैं।
आपस के इन्हीं नकारात्मक विचारों की वजह से परिवार में नकारात्मक ऊर्जा भर जाती है और कुछ अशुभ घटना घटित हो जाने की संभावना बनी रहती है। अपने घर की ऊर्जा को आप वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के ज्ञान का उचित इस्तेमाल कर के आप अपनी अलमारी के लिए एक बिल्कुल सही और उपयुक्त स्थान चुन सकते हैं।
चाहे आप अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा लाना चाहते हों, अपना धन बढ़ाना चाहते हों, या घर में सुख-शाँति का अच्छा वातावरण चाह रहे हों, इन सदियों पुराने नियमों का पालन करने से आपको निश्चित रूप से बहुत मदद मिलेगी।
आप अपने लिए जो सही है, उसको अपनी जीवनशैली और व्यक्तिगत रुचि के हिसाब से विचार करें कि वह वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों की कसौटी पर कितना सही साबित होता है। यदि आप किसी विशेष दिशा में रखी गई अपनी उस अलमारी के साथ सहज महसूस करते हैं तो वही आपके लिए सबसे उपयुक्त है।