विष्णु लक्ष्मी जी की मूर्ति कैसी होनी चाहिए
भगवान विष्णु पूरे ब्रम्हांड के पालनहार माने जाते हैं और जो शक्ति पूरे संसार को चलाती है, उससे आप कुछ भी छुपा नहीं सकते, इसलिए भगवान विष्णु की जो भी पूजा आप करें वो सच्चे ह्रदय और साफ़-सुथरे मन से …
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भगवान विष्णु पूरे ब्रम्हांड के पालनहार माने जाते हैं और जो शक्ति पूरे संसार को चलाती है, उससे आप कुछ भी छुपा नहीं सकते, इसलिए भगवान विष्णु की जो भी पूजा आप करें वो सच्चे ह्रदय और साफ़-सुथरे मन से …
वैसे तो हिंदू धर्म में हर एक महीने में एकादशी तिथि आती है, परंतु दो एकादशी तिथियाँ ऐसी हैं जिनका असर हमारे हर रोज़ के जीवन पर पड़ता है और वह हैं देवशयनी एकादशी और देव उत्थान एकादशी। आइए आज …
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास साल का चौथा महीना होता है और इसके बाद वर्षा ऋतु आती है। आषाढ़ मास की अमावस्या पितरों के नाम से किए जाने वाले दान पुण्य के लिए विशेष महत्व वाली मानी जाती है, …
सावन का महीना शुरू होता है और भारत में कई सारे तीज-त्यौहार भी शुरू हो जाते हैं। इन में से सबसे विशेष और आकर्षक है उत्तरी भारत में मनाई जाने वाली हरियाली तीज। नाग पंचमी से 2 दिन पूर्व मनाये …
आइये आज आपको योगिनी एकादशी के बारे में बताते हैं। पूरे साल में 24 एकादशियाँ होती हैं और हर एकादशी के व्रत का अपना एक विशिष्ट महत्त्व है। आषाढ़ मास में जो कृष्ण पक्ष की एकादशी पड़ती है, उसको योगिनी …
क्या आप जानते हैं कि साल भर में 24 एकादशी व्रत माने जाते हैं और उन सभी व्रतों में जो सबसे बड़ा और कठिन व्रत माना जाता है, वह है निर्जला एकादशी का व्रत। आइये इस महत्वपूर्ण व्रत के बारे …
विष्णु भगवान संसार के पालनहार हैं जिन्हें आप ब्रम्हांड को चलाने वाली शक्ति के रूप में भी जानते हैं। उनकी लीलायें अपरम्पार हैं, कभी राम बन के तो कभी श्याम बन के वो पूरे जगत के संताप हर लेते हैं। …
सूतक का समय एक तरह का अशुद्धि का समय होता है जब परिवार के लोगों को कई प्रकार से संयम रखना होता है और किसी से भी बाहरी व्यक्ति से मिलने-जुलने की मनाही होती है। यह अशुद्धि का समय बच्चे …
हिंदू शास्त्रों के अनुसार जब भी किसी घर में जन्म या मृत्यु होती है तो उसके कारण लगने वाले अशुद्धि या दोष को सूतक कहा जाता है। कहीं-कहीं जन्म के समय होने वाली इस अशुद्धि को सूतक और मृत्यु के …
अक्सर आपने किसी के घर में बच्चा पैदा होने पर या किसी के घर में मृत्यु होने पर उस के घर नहीं जाना है या ग्रहण काल से पहले सुना होगा कि पूजा-पाठ नहीं करनी है और मंदिर के पट …