Captcha Code (कैप्चा कोड) शार्ट फॉर्म में लिखी गयी एक शब्दावली है जिसका फुल फॉर्म हम आपको बताते हैं जिससे आपको इसका अर्थ समझने में ज़्यादा आसानी होगी। इस का फुल फॉर्म होता है Completely Automated Public Turing test to tell Computers and Humans Apart यानि कंप्यूटरों और इंसानों में अंतर बताने के लिए पूर्णतया स्वचालित सार्वजनिक ट्यूरिंग परीक्षण। इसे ट्यूरिंग टेस्ट भी कहते हैं क्योंकि सबसे पहले कंप्यूटिंग एक्सपर्ट एलन ट्यूरिंग द्वारा इस कोड के बारे में बताया गया था।
आइये इसको बेहतर तरीके से जानने के लिए इसको विस्तार से समझते हैं।
Captcha Code कैसा होता है?
यह एक ऐसा कोड होता है जो कि आपको किसी वेबसाइट द्वारा रियल टाइम (उसी समय दिया गया) में दिया जाता है जब आप किसी सुविधा या जानकारी को लेने के लिए किसी वेबसाइट पर कोई फॉर्म भर रहे हों। इसमें अंग्रेजी के कुछ अक्षर, संख्यायें या फोटो दी गयी होती हैं और उसको देख कर आपको वहाँ टाइप करने के लिए दी गयी जगह पर बिल्कुल वैसा ही टाइप करना होता है या उस फोटो के बारे में बताना होता है, जिससे वह वेबसाइट ये सत्यापित कर लेती है कि आप कोई स्वचालित रोबोट या कंप्यूटर नहीं हैं।
यह प्रक्रिया इसलिए की जाती है क्योंकि स्वचालित रोबोट बाकी सारी जानकारियाँ फॉर्म में भर सकता है परन्तु वह रियल टाइम कोड को नहीं भर सकता। यदि किसी को देखने में तकलीफ हो तो अधिकतर वेबसाइटों पर Captcha Code को प्ले/स्पीकर बटन पर क्लिक करके सुनने का भी विकल्प होता है।
यह हर कुछ सेकंडों बाद रिफ्रेश होता है और बदल जाता है, जिससे इंसान की जगह यदि कोई स्वचालित रोबोट यह फॉर्म किसी प्रोग्रामिंग के जरिए भर भी रहा हो तो उसे इसको पढ़ कर डिकोड करने का समय ना मिले और सही व्यक्ति ही उस फॉर्म को भर सके।
क्यूँ इस्तेमाल किया जाता है Captcha Code?
आजकल कुछ लोग रोबोट या स्वचालित कंप्यूटर प्रोग्रामिंग का गलत इस्तेमाल करके झूठी आईडी बना कर वेबसाइटों पर ढेर सारे फॉर्म एक बार में भर देते हैं, जिससे वो सुविधायें या जानकारी जिन लोगों तक पहुँचनी चाहिए, उन्हें नहीं मिलती और वो वंचित रह जाते हैं।
उदहारण के लिए, हमारे देश में रेलवे आरक्षण हमेशा से एक समस्या रही है। अक्सर एजेंट्स बड़ी संख्या में फॉर्म भर के एडवांस टिकट हासिल कर लेते थे और आम जनता को अपनी वाँछित ट्रेनों में आरक्षण नहीं मिल पाता था। Captcha Code की वजह से अब वो प्रोग्रामिंग या किसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके ये एजेंट्स बड़ी संख्या में फॉर्म नहीं भर सकते।
क्या हैकर या साइबर अपराधी Captcha Code बाईपास कर सकते हैं?
टेक्नोलॉजी के और बेहतर होने से साइबर अपराधी भी उसी मॉडर्न टेक्नोलॉजी की मदद से Captcha Code जैसे उपायों का भी तोड़ खोज लेते हैं। साइबर अपराधियों द्वारा अपनाये गए कुछ तरीकों में से एक है लुभावने लिंक (Phishing attack) भेजना।
और जब कोई व्यक्ति, भेजे गए उस लिंक पर क्लिक करता है तो वहाँ एक झूठा Captcha Code भरने का मैसेज आता है। इस तरह से उस Captcha Code को भरते ही मोबाइल/लैपटॉप में वायरस आ जाता है। इसीलिए किसी भी ऐसे लिंक पर कभी क्लिक न करें जिसके स्रोत को आपने वेरीफाई ना किया हो, चाहे वह कितनी भी आकर्षक हो।
कोई भी टेक्नोलॉजी आपको एक सीमित सुरक्षा ही दे सकती है परन्तु उसको सफल बनाना हम सबकी ज़िम्मेदारी है। अगर हम लोग साइबर नियमों को ध्यान में रख कर इस Captcha Code की टेक्नोलॉजी का सही उपयोग करें और किसी भी गलत लिंक पर क्लिक न करें तो वेबसाइट पर फॉर्म भरते समय हमारी जानकारियाँ सुरक्षित रहेंगी और वायरस से नुकसान का कोई खतरा भी नहीं रहेगा।